Unified pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम से कितनी अलग है UPS, जानें कर्मचारियों को कितना होगा फायदा

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार ने UPS (Unified pension Scheme) की मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है. आइए आपको बताते हैं OPS (old Pension Scheme), NPS और UPS में कितना अंतर है.

यूपीएस (Unified pension Scheme) में कर्मचारियों को मूल वेतन की 50% पेंशन मिलेगी. 10 साल से अधिक और 25 साल से कम में रिटायर होने पर अनुपातिक रूप से लाभ मिलेगा. कर्मचारी का 10% योगदान और सरकार का 18.5% योगदान होगा. एनपीएस की तरह बाजार से जुड़ा निवेश नहीं होगा. ओपीएस की तरह डीआर का प्रावधान होगा. एपीएस वाले कर्मचारी भी शामिल हो सकेंगे. 

क्या था ओल्ड पेंशन स्कीम 

OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम) में कर्मचारी को आखिरी मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था. कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता था. योजना में केवल सरकारी कर्मचारी शामिल होते थे. डियरनेस रिलीफ (DR) का प्रावधान था, यानी  हर 6 महीने में महंगाई के अनुसार पेंशन बढ़ जाती थी. 20 साल की नौकरी पूरी करने पर कर्मचारी पूरी पेंशन के हकदार होते थे. 

NPS में निवेश के आधार पर पेंशन मिलती थी 

NPS इसमें निवेश के आधार पर पेंशन मिलती थी. सरकारी और निजी सभी कर्मचारियों के लिए है. सरकारी कर्मचारी का योगदान 10% और सरकार 14% का योगदान देती है. एनपीएस बाजार में निवेश होता है, इसलिए बाजार के फायदे शामिल हैं. रिटायरमेंट के समय कुल जमा का 60% एकमुश्त निकाला जा सकता है. बाकी 40% राशि पेंशन के रूप में फिक्स होता है. 

कैसे होगी UPS की गणना 

कर्मचारी जिस दिन रिटायर होगा, उससे पहले के 12 महीने में बेसिक सैलरी का औसत निकाला जाएगा. उसकी 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी. 25 साल नौकरी पूरी होने पर 50% मिलेगी. 10 साल की नौकरी में रिटायरमेंट होने पर 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. हर तीन साल में सरकारी इसकी समीक्षा करेगी. कर्मचारी की मौत हो जाने पर जीवनसाथी को 60% पेंशन मिलेगी. इसकी गणना मौत की आखिरी महीने की बेसिक सैलरी से होगी. 

कर्मचारी जिस दिन रिटायर होगा, उससे पहले के 12 महीने में बेसिक सैलरी का औसत निकाला जाएगा. उसकी 50% राशि पेंशन के रूप में मिलेगी. 25 साल नौकरी पूरी होने पर 50% मिलेगी. 10 साल की नौकरी में रिटायरमेंट होने पर 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. हर तीन साल में सरकारी इसकी समीक्षा करेगी. कर्मचारी की मौत हो जाने पर जीवनसाथी को 60% पेंशन मिलेगी. इसकी गणना मौत की आखिरी महीने की बेसिक सैलरी से होगी. 

इन्हें मिलेगा फायदा 

जो कर्मचारी 2004 के बाद एनपीएस के तहत ज्वाइन किए हैं, 31 मार्च 2025 तक रिटायटर हो चुके या होने वाले हैं उन्हें इसका लाभ मिलेगा. सरकार एरियर ब्याज के साथ देगी. ब्याज भी पीपीएफ के बराबर दर से मिलेगा. इसमें महंगाई सूचकांक को शामिल किया गया है. महंगाई बढ़ने के अनुसार महंगाई राहत (DR) भी बढ़ती रहेगी. केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकारें आने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू कर सकती हैं.