UP गोरखपुर उपचुनाव नतीजे 2018: शुरुआती गिनती में BJP पीछे, मतगणना केंद्र पर डीएम ने बैन की मीडिया की एंट्री
गोरखपुर उपचुनाव में वोटों की गिनती से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ताजा जानकारी के मुताबिक शुरुआती गिनती के बाद सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद करीब 1500 वोटों से आगे हैं। यहां मतगणना की जानकारी लगातार सामने नहीं आ रही है। डीएम राजीव रौतेला ने मतगणना केंद्र पर मीडियाकर्मियों की एंट्री पर रोक लगा दी है। करीब 8.30 बजे मतगणना शुरू हुई, लेकिन मतगणना केंद्र पर 11.30 बजे पहली आधिकारिक अपडेट जारी किया गया। आदित्य नाथ के सीएम बनने की वजह से खाली हुई इस सीट पर 11 मार्च को मतदान हुआ था। 14 मार्च को 11.30 बजे तक वोटों की पांच राउंड गिनती पूरी हो चुकी थी। दोपहर 12.50 बजे डीएम ने बताया कि समाजवादी पार्टी उम्मीदवार प्रवीण निषाद को 1,19,427 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को 1,08,829 मत प्राप्त हुए हैं।
इस रुझान पर भाजपा का कहना है कि अंतिम नतीजा हमारे ही पक्ष में रहेंगे, हमारी रिपोर्ट के मुताबिक हम गोरखपुर तो जीत ही रहे हैं, फूलपुर भी जीत लेंगे। भाजपा का दावा सच हो जाए तो भी सपा-बसपा के लिए यह रुझान उत्साह बढ़ाने वाला है। यह उन्हें 2019 के चुनाव में भी गठबंधन बनाए रखने के लिए प्रेरित कर सकता है। बता दें कि इस चुनाव में दोनों पार्टियों ने आखिरी वक्त में गठजोड़ किया है। माना जा रहा है कि शुरुआती गिनती में भी सपा उम्मीदवार के आगे रहने की एक वजह यह हो सकती है।
गोरखपुर में माना जा रहा था कि भाजपा आसानी से सपा को शिकस्त देगी, लेकिन शुरुआती गिनती में उसके उम्मीदवार का पिछड़ जाना पार्टी और योगी आदित्य नाथ के लिए झटका माना जा रहा है। बता दें कि यह सीट करीब 30 वर्षों से लगातार गोरखनाथ मठ से जुड़े व्यक्ति के पास ही रही है। इस बार भाजपा ने मठ से अलग के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है। 1998 से लगातार योगी आदित्य नाथ सांसद थे। 2017 में यूपी का सीएम बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया।
उधर, फूलपुर उपचुनाव में लगातार सपा आगे चल रही है। सातवें राउंड के बाद सपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल को को 75,345 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी कौशलेन्द्र सिंह पटेल को 67,146 वोट मिले। 2014 में केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर से बड़ी जीत दर्ज की थी। अगर यहां से सपा जीती तो निजी तौर पर भी मौर्या की स्थिति भाजपा में कमजोर होने की आशंका है। उन्हें यूपी का उप मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब फूलपुर सीट से इस्तीफा देना पड़ा था।