UP नगर निकाय चुनाव रिजल्ट 2017: घर में ही लगा योगी को झटका, गोरखनाथ मंदिर वार्ड में जीती निर्दलीय मुस्लिम उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगमों में 14 पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मेयर उम्मीदवारों की जीत हुई है, जबकि दो पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों की जीत हुई है। इनके अलावा अधिकांश नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष और वार्डों में भी बीजेपी उम्मीदवारों की बंपर जीत हुई है। इस जीत से बीजेपी गदगद है लेकिन इस चुनाव में कुछ वार्ड या नगर पंचायत के इलाके ऐसे रहे हैं जो बीजेपी का गढ़ होते हुए भी वहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर के वार्ड नंबर 68 में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। यहां से बीजेपी उम्मीदवार माया त्रिपाठी को हार का सामना करना पड़ा है। निर्दलीय प्रत्याशी नादिरा खातून ने वहां जीत दर्ज की है।
बता दें कि इसी वार्ड में गोरखनाथ मंदिर आता है, जहां के अध्यक्ष और मुख्य पुजारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बीजेपी की इस जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है और कहा है कि वो विकास के एजेंडे को आम आदमी तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। उन्होंने बंपर जीत के लिए सभी मतदाताओं का भी शुक्रिया अदा किया है। इधर, नादिरा ने भी कहा कि लोगों ने उनके विकास के एजेंडे को वोट दिया है। उन्होंने कहा कि जरूरी हुआ तो वो इलाके के विकास के लिए योगी आदित्यनाथ से भी मिलेंगी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। उनके गृहनगर कौशांबी में भी बीजेपी की करारी हार हुई है। कौशाम्बी के सभी छह नगर पंचायतों में बीजेपी की हार हुई है।वहां बीजेपी का एक भी चेयरमैन नहीं जीत सका है।सिराथू नगर पंचायत क्षेत्र केशव का गृहनगर है। यहां के नगर पंचायत चेयरमैन पद पर निर्दलीय उम्मीदवार राजेन्द्र यादव उर्फ भोला यादव ने जीत दर्ज की है। यादव ने बीजेपी प्रत्याशी प्रशांत केसरी को 1680 मतों से शिकस्त दिया है।
बता दें कि राज्य के 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 439 नगर पंचायतों में चुनाव तीन चरणों में कराया गया था। कुल मिलाकर तीन चरणों के मतदान का प्रतिशत औसतन 52.5 प्रतिशत रहा। यह 2012 के चुनाव के 46.2 से करीब छह प्रतिशत ज्यादा है। मतदान को लेकर सबसे ज्यादा उदासीनता शहरों में देखने को मिली। सबसे कम मतदान नगर निगमों में हुआ, वहीं नगर पंचायतों में अच्छा उत्साह देखने को मिला। नगर निगमों में जहां करीब 41.26 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, वहीं पालिका परिषद में 58 प्रतिशत और नगर पंचायतों में 68.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।