Video: पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे की चपेट में आने से एक कबूतर हुआ घायल, फायर ब्रिगेड ने बचाई जान

15 अगस्त को पूरे देश में लोगों  ने धूमधाम से आजादी का जश्न मनाया। इस मौके पर जमकर पतंगबाजी की गई। उत्तर प्रदेश के मेरठ में पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे की चपेट में आने से एक कबूतर घायल हो गया और पेड़ पर अटक गया। पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो तत्काल कबूतर को बचाने की कवायद शुरू की गई। पुलिस फायर ब्रिगेड की टीम के साथ मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से घायल कबूतर को सुरक्षित पेड़ से उतारा गया। यूपी पुलिस ने आजादी के दिन कबूतर को एक नई जिंदगी दी। इसके बाद यूपी पुलिस ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, “चायनीज मांझे का एक और शिकार, ये बेज़ुबान कबूतर, घायल होकर एक पेड़ पर अटका-तड़पता हुआ पाया गया। मेरठ सिविल लाइन पर तैनात पीआरवी 0587 ने फायर ब्रिगेड की मदद से इसकी जान बचा कर इसके जीवन को एक नई उड़ान दी! यूपी पुलिस की तरफ़ से इस परिंदे को अपनी आज़ादी मुबारक।”

 

कबूतर को बचाए जाने पर यूजर्स रिट्वीट कर यूपी पुलिस की तारीफ कर रहे हैं। अंकुश कुमार ने लिखा कि, “अद्भुत! ऐसे दृश्य अभी तक केवल विदेशों से ही आते थे जहां पक्षियों और जानवरों के लिए भी ऐसी तत्परता दिखाई जाती है। एक पक्षी के लिए अपने देश में ऐसा कम ही देखने को मिलता है।” वहीं कृष्ण गोपाल पाठक लिखते हैं कि, “महोदय जब मैं टीवी देखता हूं तो ऐसी खबरे अमेरिका ,या किसी अन्य विकसित देशो में देखने को मिलता आपका कार्य मुझे व्यक्तिगत रूप से पसंद आया। स्वतंत्रता दिवस की बधाई। जय हिन्द।”

 

 

कुछ लोगों ने इस घटना के लिए चायनीज मांझा बेचने वालों को जिम्मेवार ठहराया है। उनके उपर कार्रवाई की मांग की है। चायनीज मांझा पर बैन लगाने की मांग की। एक यूजर लिखती हैं कि, “जिन दुकानों पर ये हत्यारा मांझा बेचा जा रहा है, अब कबूतर को छोड़कर उस दुकानदार को पकड़िए।”

 

बता दें कि बाजार में बिकने वाला चायनीज मांझा काफी खतरनाक होता है। प्लास्टिक की वजह से यह अासानी से टूटता नहीं है और इसमें धार भी होती है। बारिश में भी यह खराब नहीं होता है। पतंगबाजी के दौरान लोग एक दूसरे की पतंग काटने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जब कोई इंसान या पक्षी इसकी चपेट में आ जाते हैं तो उनकी जान पर बन आती है। देश के कई जगहों पर इसे बैन कर दिया गया है।

 

 

 

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