UPMSP, UP Board Result 2018 Date: इस दिन नहीं जारी होंगे यूपी बोर्ड की 10वीं-12वीं परीक्षा के नतीजे
UPMSP, UP Board Result 2018 Date Class 10th, 12th: माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश (UP Board) दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे 15 अप्रैल को घोषित नहीं करेगा। कई न्यूज वेबसाइट्स पर नतीजे 15 अप्रैल को जारी होने की बात कही जा रही थी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बोर्ड अधिकारियों ने आधिकारिक वेबसाइट पर कहा है कि नतीजे अप्रैल महीने के तीसरे सप्ताह में जारी हो सकते हैं। बता दें रविवार (8 अप्रैल 2018) को जौनपुर में एक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा था कि माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) हाईस्कूल और इंटरमीडियट परीक्षाओं के परिणाम इसी महीने घोषित कर दिए जाएंगे और 16 अप्रैल से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होगी। उप-मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बोर्ड परीक्षा के नतीजे जल्द घोषित होंगे।
डॉक्टर दिनेश शर्मा ने यह भी कहा था कि उन्हें खुशी है कि इस बार नकलविहीन परीक्षा आयोजित हुई और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी समय से पूरी की गई है। वहीं UP Board की सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा था कि परीक्षाएं 6 फरवरी से शुरू हुई थीं और नतीजे जल्द घोषित किए जाएंगे। बता दें बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 1.46 लाख परीक्षकों को नियुक्त किया था। छात्र अपने रिजल्ट upresults.nic.in, upmspresults.up.nic.in और results.nic.in पर चेक कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य प्राइवेट वेबसाइट्स जैसे examresults.net और indiaresults.com पर भी नतीजे देखे जा सकते हैं। अपने रिजल्ट देखने के लिए आपको हॉल टिकट/रोल नंबर और जन्मतिथि आदि मांगी गई जानकारी सब्मिट करनी होंगी।
इसके अलावा आप एसएमएस के जरिए भी अपने रिजल्ट चेक कर सकते हैं। इसके लिए 10वीं कक्षा के छात्रों को UP10<space>ROLLNUMBER लिखकर 56263 पर सेंड करना होगा। वहीं 12वीं के छात्रों को UP12<space>ROLLNUMBER टाइप कर 56263 पर एसएमएस भेजना होगा। इस वर्ष लगभग 66.37 लाख छात्रों ने UP board परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। 36,55,691 छात्र 10वीं और 29,81,327 छात्र 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। वहीं लगभग 11,28,250 छात्रों ने परीक्षा ही नहीं दी थी। इसे लेकर परीक्षा अधिकारियों का दावा है कि नकल रोकने के लिए उठाए गए कड़े कदम के चलते बड़ी तादाद में छात्रों ने परीक्षा नहीं दी।