काला धन पर सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार की खिंचाई- सांसदों पर क्या एक्शन लिया है, लिस्ट दीजिए

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (छह सितंबर) को नरेंद्र मोदी सरकार को कालेधन के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में पूरी सूचना न देने को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी। देश की सर्वोच्च अदालत ने दो चुनावओं के जिन नेताओं की संपत्ति 500 फीसदी तक बढ़ गई उनके खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की सूचना न देने के ”रुख” पर आपत्ति जताई। शीर्ष अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह अदालत के समक्ष इस संबंध में जरूरी सूचना रखे।  शीर्ष अदालत ने कहा कि यद्यपि सरकार यह कह रही है कि वह चुनाव सुधार के खिलाफ नहीं है लेकिन उसने जरूरी विवरण पेश नहीं किये हैं। यहां तक कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा उसके समक्ष सौंपे गए हलफनामे में दी गई सूचना ”अधूरी” थी।

न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा, ”सीबीडीटी हलफनामे में सूचना अधूरी है। क्या यह भारत सरकार का रुख है। आपने अब तक क्या किया है?”” पीठ ने कहा, ”सरकार कह रही है कि वह कुछ सुधार के खिलाफ नहीं है। जरूरी सूचना अदालत के रिकॉर्ड में होनी चाहिये।” अदालत ने सरकार से 12 सितंबर तक इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा। शीर्ष अदालत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान उम्मीदवारों द्वारा आय के स्रोत का खुलासा करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

इस संबंध में दलीलें अधूरी रहीं इसलिए गुरुवार (सात सितंबर) को बहस जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव देश के लोकतांत्रिक ढांचे का अभिन्न हिस्सा है और वे इस संबंध में शीर्ष अदालत के किसी भी निर्देश का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा, ””भारत सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है जिसके दायरे में यह क्षेत्र भी आएगा। यह सिर्फ कचरे की सफाई करने तक सीमित नहीं है। भारत सरकार की मंशा सही दिशा में है।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *