UPSC: सिविल सेवा में चुने गए 51 मुस्लिम, सरकार ने कहा हमारी “सम्मान के साथ सशक्तिकरण” की नीति का नतीजा

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यूपीएससी की कोचिंग के लिए अल्पसंख्यक समुदायों के अर्भ्यिथयों को दी जाने वाली आर्थिक मदद में दोगुनी बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की “सम्मान के साथ सशक्तिकरण” की नीति का नतीजा है कि इस बार सिविल र्सिवस में अल्पसंख्यक समाज के 131 युवा चुने गए, जिनमें से 51 मुस्लिम हैं। नकवी ने कहा कि इस बार सिविल सेवा में कुल 990 अर्भ्यिथयों का चयन हुआ और इनमें मुस्लिम समुदाय के 51 युवा शामिल हैं। पिछले साल 1099 लोगों का चयन हुआ था। इसमें अल्पसंख्यक समाज के 126 युवा चुने गए थे जिनमें 52 मुस्लिम शामिल थे।

उन्होंने कहा कि यूपीएससी कोंिचग के लिए पहले हर अभ्यर्थी को 50 हजार रुपये दिए जाते थे और अब इस राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर मुस्लिम नौजवानों में प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन इससे पूर्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश नहीं हुई जिससे उनमे विश्वास पैदा हो सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिना भेदभाव के प्रतिभाओं को सम्मान का माहौल दिया है जिसका नतीजा है कि इतनी बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के नौजवान शीर्ष प्रशासनिक सेवाओं में चुने गए हैं।’’ नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों के उत्साहवर्धक नतीजों से उत्साहित हो कर फ्री-कोचिंग स्कीमों को और आसान, सुविधायुक्त एवं सुलभ बनाया है।

“नई उड़ान”, “नया सवेरा” योजना को संशोधित किया गया है। इसके तहत सिविल सेवा परीक्षा की प्रीलिम्स में पास होने वाले अर्भ्यिथयों को सहायता राशि 50,000 रूपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि “नया सवेरा” योजना के तहत विभिन्न प्रशासनिक, मेडिकल, इंजीनियंिरग परीक्षाओं की तैयारी के वास्ते फ्री-कोचिंग के लिए प्रमुख संस्थाओं के साथ मिल कर काम हो रहा है।

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