US: ‘विदेशी कंपनियों को आकर्षित करें न कि उनके श्रमिकों को’, एच1बी वीजा आवंटन पर निक्की हेली का बड़ा बयान
निक्की हेली ने कहा कि दक्षिण कैरोलिना के गवर्नर रहते हुए राज्य में बेरोजगारी दर 11 प्रतिशत से घटकर चार प्रतिशत हो गई थी, क्योंकि राज्य सरकार ने विदेशी कंपनियों को निवेश करने के लिए आकर्षित किया था, न कि उनके श्रमिकों को।
हेली का बड़ा बयान
निक्की हेली ने बताया कि दक्षिण कैरोलिना के गवर्नर रहते हुए राज्य में बेरोजगारी दर 11 प्रतिशत से घटकर चार प्रतिशत हो गई थी, क्योंकि राज्य सरकार ने विदेशी कंपनियों को निवेश करने के लिए आकर्षित किया था, न कि उनके श्रमिकों को। उन्होंने बताया कि कैसे दक्षिण कैरोलिना के लोगों को नए रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अब लोग विमान और ऑटोमोबाइल जैसी चीजें बना रहे हैं।
‘अमेरिकियों को हल्के में न लें’
उन्होंने अमेरिकी श्रमिकों में निवेश करने के महत्व पर जोर देकर कहा, ‘अगर टेक उद्योग को कर्मचारियों की आवश्यकता है, तो हमारी शिक्षा प्रणाली में निवेश करें। हमारे अमेरिकी कर्मचारियों में निवेश करें। हमें पहले अमेरिकियों में निवेश करना चाहिए, फिर कहीं और देखना चाहिए। अमेरिकियों की प्रतिभा और आत्मा को कभी हल्के में न लें।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क और विवेक रामस्वामी द्वारा एच1बी वीजा कार्यक्रम के विस्तार के पक्ष में किए गए सोशल मीडिया पोस्ट ने ट्रंप के समर्थकों के बीच एक बहस को छेड़ दिया है कि इस कार्यक्रम को नए प्रशासन के आव्रजन एजेंडे में कैसे फिट किया जाए।
कब मुद्दा गरमाया?
यह बहस उस समय शुरू हुई जब ट्रंप ने रविवार को एलान किया कि वह श्रीराम कृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर व्हाइट हाउस के नीति सलाहकार के रूप में नियुक्त कर रहे हैं। कृष्णन को नवंबर में किए गए एक पोस्ट के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘ग्रीन कार्ड के लिए देश-विशेष सीमा को हटाना / कौशल आधारित आव्रजन को अनलॉक करना बहुत बड़ा होगा।’
इसके बावजूद, डेविड सैक्स जैसे ट्रंप के करीबी सहयोगियों ने कृष्णन के रुख का बचाव किया, यह कहते हुए कि वह ग्रीन कार्ड के लिए देश-विशेष सीमा को हटाने की बात कर रहे थे, न कि सभी सीमाओं को समाप्त करने की।
क्या है मामला?
आव्रजन 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। जबकि राष्ट्रपति-निर्वाचित ट्रंप ने दक्षिणी सीमा पर अवैध आव्रजन को समाप्त करने और बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान शुरू करने का वादा किया है, वर्तमान बहस कानूनी आव्रजन पर केंद्रित है, जो कभी-कभी नस्लवादी और विरोधी आप्रवासी दृष्टिकोण को उजागर करती है।