अमेरिका- रूस में तल्खी बढ़ी, डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद कब्जे में रूसी दूतावास
ट्रंप प्रशासन के आदेश के बाद रूस ने सैन फ्रांसिस्को स्थित अपने वाणिज्य दूतावास और न्यूयार्क तथा वाशिंगटन में दो कार्यालयों को बंद कर दिया और अमेरिका ने अब इन्हें अपने कब्जे में ले लिया है। अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने रूस से दो दिनों के भीतर अपने दफ्तर बंद करने को कहा था। रूस के इस कदम से कुछ ही दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने मास्को से उसके तीन राजनयिक परिसर बंद करने के लिए कहा था। अमेरिका का यह निर्देश दरअसल मास्को के पिछले माह के उस फैसले की प्रतिक्रिया है, जिसमें उसने रूस में अमेरिकी राजनयिक कर्मचारियों की संख्या को कुछ सौ तक सीमित करने की बात कही थी।
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय इस बात की पुष्टि कर सकता है कि रूसी सरकार ने अपना वाणिज्य दूतावास और दो कार्यालय खाली करने के आदेश का पालन किया है।’’ अधिकारियों ने कहा कि रूस को अब इन केंद्रों का इस्तेमाल राजनयिक और वाणिज्य दूतावास संबंधी कार्यों के लिए करने की इजाजत नहीं होगी। ये तीनों इमारतें अब विदेश मंत्रालय के पास होंगी और इनकी सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी भी उसी के पास रहेगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इन संपत्तियों में प्रवेश या इन तक पहुंच की अनुमति सिर्फ विदेश मंत्रालय की इजाजत से ही दी जायेगी, जो इस जिम्मेदारी के साथ ही इनकी सुरक्षा और देखरेख की जिम्मेदारी भी उसी की हागी। इन कार्यालयों को बंद किये जाने के संबंध में किसी रूसी कूटनीतिज्ञ को निष्कासित नहीं किया गया है।’’ विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रूसी दूतावास के कर्मचारी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ ही इन तीनों इमारतों से बाहर आए। ये तीनों इमारतें सैन फ्रांसिस्को, वांिशगटन डीसी और न्यूयार्क में स्थित हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ये जांचें इन केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और यह रूसी सरकार द्वारा परिसर खाली कर दिए जाने की पुष्टि के लिए की गई थीं।अमेरिका विएना संधि, अमेरिकी नियम और द्विपक्षीय समझौतों का पूरी तरह पालन कर रहा है। उन्होंने मौजूदा आवासीय इस्तेमालों को खत्म करने के लिए अलग इंतजाम किए हैं। इससे परिवारों को अपना सामान बांधने और निकलने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। अधिकारी ने कहा, रूसी सरकार द्वारा लगाए गए ये आरोप गलत हैं कि अमेरिकी अधिकारियों ने इन इमारतों के द्वारों को तोड़ने की धमकी दी और एफबीआई परिसरों को खाली करवा रहा है।