प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी देश का सबसे प्रदूषित शहर, धुंध में घिरी काशी

दिल्ली एनसीआर में जानलेवा धुंध के बाद अब वाराणसी में इसका कहर देखने को मिल रहा है। बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। शुक्रवार (10 नवंबर) को जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक काशी देश का सबसे प्रदूषित शहर है। सेन्ट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 10 नवंबर को देश के 42 शहरों के प्रदूषण का आंकड़ा जारी किया। इनमें हवा का सबसे जहरीला स्तर वाराणसी का था। स्मॉग की वजह से सुबह-ए-बनारस के लिए मशहूर वाराणसी की सुबह जहरीली हो गई है। शुक्रवार को वाराणसी की हवा पिछले कुछ दिनों से जहरीले धुंध का कहर झेल रही दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार 4 बजे शाम को वाराणसी के अर्दली बाजार में का एयर क्वालिटी इंडेक्स 491 था। इसी दिन दिल्ली में ये आंकड़ा 468 था। बता थें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की शुद्धता की गुणवत्ता को 500 तक ही माप सकता है। वाराणसी की हवा इतनी खराब हो चुकी है कि यहां ये आंकड़ा 491 तक पहुंच चुका था। अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 तक पहुंच जाए तो पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी जाती है।

वाराणसी में पटिर्कुलेट मेटर 2.5 की सघनता सुरक्षित सीमा जो कि 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है से आठ गुणी बढ़ गई थी। इससे खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें कि पटिर्कुलेट मेटर 2.5 हवा को प्रदूषित करने का मुख्य कारक है। गुरुवार को वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 358 माना जाता है। जिसे वैरी पुअर कैटेगरी में कहा जाता है। एयर इंडेक्स में एक बार में 133 अंकों की बढ़ोतरी सेहत के लिए काफी खतरनाक है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक इस हवा की चपेट में स्वस्थ व्यक्ति भी आ सकते हैं। शहर में नाइट्रोजन आक्साइड का स्तर भी तय मानक के दोगुना हो गया है। प्रदूषण इकाई बोर्ड के रिजनल ऑफिसर डाक्टर प्रो. अनिल कुमार सिंह का कहना है कि शहर में प्रदूषण का स्तर चेतावनी के स्तर तक आ गया है। बढ़ती ठंड और नमी के कारण धुंध का असर ज्यादा हो रहा है। बीएचयू के प्रोफेसर बी डी त्रिपाठी ने कहा कि दिन चढ़ने के साथ ही कोहरा तो खत्म हो जाता है लेकिन धुंध की परत दोपहर तक बरकरार रहती है।

 

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