Video: कर्नाटक में अमित शाह के कार्यक्रम में हंगामा, बीजेपी के केंद्रीय मंत्री के खिलाफ नारेबाजी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में इन दिनों कर्नाटक के दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार (30 मार्च) को मैसूर में एक जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद स्थानीय राजेंद्र कलामंदिर में दलित नेताओं के साथ बातचीत की। दलित नेताओं से मुलाकात के दौरान अमति शाह की सभा में हंगामा मच गया। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा संविधान को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ अचानक से कुछ लोग आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करने लगे। मंच पर मौजूद बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता नाराज लोगों को शांत करने के प्रयास में जुट गए थे। हालांकि, इस दौरान वहां कुछ समय के लिए अव्यवस्था का आलम हो गया था। कर्नाटक में दलितों की आबादी ठीक-ठाक है, ऐसे में इस तबके पर कांग्रेस के अलावा भाजपा की भी नजर है।
अनंत हेगड़े ने दिया था विवादित बयान: केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक में एक सभा को संबोधित करते हुए संविधान को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा वे लोग करते हैं जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं होता है। भाजपा नेता ने उस वक्त कहा था कि लोगों को अपनी पहचान धर्मनिरपेक्ष के बजाय धर्म और जाति के आधार पर बतानी चाहिए। उन्होंने इस सोच के साथ संविधान में बदलाव की भी बात कह डाली थी। साथ ही बताया था कि वह यहां इसलिए ही आए हैं। बयान पर बवाल मचने के बाद उन्हें कई मौकों पर माफी मांगनी पड़ी थी। संसद में भी उन्होंने इसको लेकर खेद जताया था। इसके बावजूद विवाद अब तक नहीं थमा है।
#WATCH Disturbance at BJP President Amit Shah’s interaction with Dalit leaders at Rajendra Kalamandira in Mysuru after slogans were raised against Union Minister Ananth Kumar Hegde over his remarks on the constitution. #Karnataka pic.twitter.com/33BQsMz8z1
— ANI (@ANI) March 30, 2018
दलितों को रिझाने की कवायद: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश कर भाजपा की परेशनी और बढ़ा दी है। कर्नाटक विधानसभा की कुल 225 सीटों में से लिंगायत समुदाय का 124 सीटों पर प्रभाव माना जाता है। ऐसे में कोई भी पार्टी इस समुदाय को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। कांग्रेस के इस दांव के जवाब में भाजपा दलितों को रिझाने में जुटी है। भाजपा नेता कर्नाटक दौरे के दौरान लिंगायत समुदाय के मठों में जाकर धार्मिक नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं।