Video: परंपरा के नाम पर यहां कांटेदार पौधों पर लेट मांगी जाती है मन्नत, देखें लोग कैसे सहते हैं भीषण दर्द

ओडिशा में आस्था के नाम पर अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां लोग देवी-देवताओं को खुश करने के लिए खुद भयंकर दर्द झेलते हैं। कांटेदार पौधों पर लेटते हैं। खुद को बेरहमी से कोड़े मारते हैं। धधकते अंगारों पर चलते हैं। इतनी पीड़ा सहने के बाद भी वे एक आह तक नहीं करते। कहते हैं कि भगवान इससे खुश होंगे और उनकी मन्नतें पूरी करेंगे। हैरान करने वाली बात है कि सिर्फ ओडिशा ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी यहां आकर लोग इन परंपराओं को निभाते हैं।

हालिया मामला यहां के मयूरभंज जिले का है, जहां के ररुअन ब्लॉक में बनजाकिया नाम की जगह है। यह सिमिलिपाल जंगल के आसपास है, जहां आदिवासी लोग रहते हैं। वे आज भी पुरानी परंपराओं में यकीन करते हैं। देवी-देवताओं को खुश करने के लिए और अपनी मन्नत पूरी होने की उम्मीद में वे खुद भीषण दर्द सहते हैं। कैक्टस के कांटेदार पौधे पर घंटों तक लेटे रहते हैं। सबके सामने खुद को बुरी तरह से कोड़े मारते हैं। यही नहीं, वे इसके अलावा अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं।

सालों से इस परंपरा को मानने वाले एक व्यक्ति से जब इस बारे में पूछा गया, तो उसने कहा कि बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से यहां लोग आकर इस परंपरा को निभाते हैं और मन्नतें मांगते हैं। तकरीबन एक हजार लोग इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं, जिसमें पुरुषों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी होते हैं।

वहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता का इस पर कहना है कि लोग ऐसी परंपराओं पर यकीन करते हैं और उनके खुद भी करते हैं, जिसमें कैक्टस के पौधे पर लेटना और खुद को बेरहमी से कोड़े मारना जैसी चीजें होती हैं। वे मानते हैं कि खुद को दर्द देकर वे ईश्वर को खुश कर लेंगे, जिससे उनकी मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाएगी। बारिश होने के पीछे भी वे इसी को वजह मानते हैं।

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