मणिपुर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान हिंसक संघर्ष, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, धारा 144 लागू

इंफाल पश्चिम जिले में मणिपुर विश्वविद्यालय में कक्षाओं को शुरू करने की मांग कर रहे लोगों और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच संघर्ष हो गया। जिले में 25 जुलाई से अपराध दंड संहिता प्रक्रिया (सीआरपीएफ) की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश लागू हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और मॉक बम का इस्तेमाल किया। अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों की संस्थान में मूक प्रदर्शन कर रहे छात्रों से कल तीखी बहस हो गई और यह जल्द ही संघर्ष में बदल गई। इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। छात्र मणिपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ (एमयूएसयू) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं।
इन लोगों का शायद किसी से संगठन संबद्ध नहीं है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो महीने से ज्यादा वक्त से शैक्षणिक गतिविधियां बाधित हैं। दरअसल, प्रशासनिक लापरवाही और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों पर कुलपति एपी पांडे को हटाने की मांग को लेकर शिक्षक, छात्र और स्टाफ सदस्य प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने पिछले हफ्ते एक अलग से आदेश जारी करके विश्वविद्यालय के आसपास प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है।
अधिकारी ने बताया कि निषेधात्मक आदेश लागू होने के बावजूद आंदोलनकारी छात्रों ने झगड़े के बाद कल संस्थान के मुख्य द्वार से एक रैली निकालने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों को स्थानीय लोगों और छात्रों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और ‘मॉक’ बम का इस्तेमाल करना पड़ा। छात्र रैली निकालने से रोकने के बाद हिंसक हो गए थे। एमयूएसयू के एक कार्यकर्ता ने कहा कि संघर्ष में चार छात्र जख्मी हुए हैं लेकिन पुलिस ने इस दावे का खंडन किया। पांडे को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की सलाह पर दो अगस्त को एक महीने की छुट्टी पर भेज दिया गया था। उनकी जगह प्रोफेसर विश्वनाथ ंिसह ने ली है।