IND Vs NZ: रिटायरमेंट से पहले आशीष नेहरा ने रवि शास्त्री और विराट कोहली पर दिया बड़ा बयान
भारतीय गेंदबाज आशीष नेहरा आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में खेले जाने वाला पहला टी20 मैच उनका आखिरी मैच होगा। कुछ हफ्तों पहले नेहरा ने रिटायरमेंट की घोषणा की थी। लेकिन विदाई से पहले नेहरा ने कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा कोच रवि शास्त्री आक्रामक रवैये वाले कप्तान विराट कोहली के लिए बिल्कुल सही हैं। उन्होंने कहा कि विराट का करियर और कप्तानी इस वक्त अॉटो पायलट मोड पर है और जानते हैं कि वह क्या कर रहे हैं। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने खुद को रोल मॉडल बनाया है। उन्हें ‘ज्ञान’ की जरूरत नहीं है। रवि शास्त्री से उन्हें भरपूर सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा, आप जानते हैं रवि शास्त्री की सबसे खास बात क्या है। अगर कोई खिलाड़ी बुरे दौर से गुजर रहा है या कोई नेट्स पर गेंद को मार नहीं पा रहा तो रवि शास्त्री उसे विश्वास दिलाते हैं कि वह ब्रायन लारा जितना बेहतर है। नेहरा ने कहा, यह किसी बाहरी शख्स को हास्यास्पद लग सकता है, लेकिन जो लोग क्रिकेट को समझते हैं, उन्हें पता होगा कि इसे मैन-मैनेजमेंट कहते हैं।
नेहरा ने 2001 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे से वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने भारत के लिए 144 वनडे खेले हैं, जिसमें 157 विकेट उन्होंने झटके हैं। 2003 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 23 रन देकर 6 विकेट झटके थे। टी20 मुकाबलों में भी उनका जलवा देखने को मिला है। 131 टी20 मैचों में नेहरा ने 162 विकेट लिए हैं। भारत के लिए खेले 26 टी20 मैचों में नेहरा ने 34 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा है। इस दौरान 3/19 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।
पीटीआई से बातचीत में नेहरा ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और अजय जडेजा को दुनिया में सबसे तेज दिमाग वाले खिलाड़ी बताया था। उन्होंने कहा था, मैं अजय जडेजा के क्रिकेट कौशल का बहुत सम्मान करता हूं। मेरे लिए एमएस धोनी और अजय जडेजा क्रिकेट की दुनिया में सबसे तेज दिमाग वाले खिलाड़ी हैं। 20 साल के करियर में नेहरा का 12 बार ऑपरेशन हो चुका है। उन्होंने कहा, मैं बहुत जज्बाती नहीं हूं। अगले 20 साल का मुझे इंतजार है। उम्मीद है कि यह भी उतने ही रोमांचक होंगे, जितने पिछले 20 साल रहे हैं, जब मैने 1997 में दिल्ली के लिए खेलना शुरू किया था। उन्होंने कहा, यह सफर शानदार रहा। अगर मुझे इन 20 साल में कुछ बदलना हो तो वह 2003 विश्व कप का फाइनल होगा।