VVIP हेलीकॉप्टर घोटाला: उच्च न्यायालय ने महिला निदेशक को जमानत दी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में धनशोधन के मामले में गिरफ्तार की गयी दुबई की दो कंपनियों की एक महिला निदेशक को आज जमानत दी। न्यायमूर्ति ए के पाठक ने यह कहते हुए शिवानी राजीव सक्सेना को जमानत दी कि वह पांच महीने तक हिरासत में रही और पूरक अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) उसके खिलाफ दाखिल किया जा चुका है और सुनवाई में वक्त लग सकता है।

दुबई की मैसर्स यूएचवाई सक्सेना और मैसर्स मैट्रिक्स होल्डिंग की निदेशक शिवानी को प्रवर्तन निदेशालय ने 16 जुलाई को गिरफ्तार किया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अदालत ने एक लाख रुपये का निजी बांड और उतनी ही राशि की दो मुचलके देने को कहा तथा उन्हें निचली अदालत की अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति पाठक ने शिवानी को अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने, भारत में अपना मोबाइल नंबर और पता जांच अधिकारी को देने समेत कई शर्तें लगायी।

ईडी के वकील रिपूदमन भारद्वाज ने यह कहते हुए शिवानी की जमानत अर्जी का विरोध किया कि वह अपराध की राशि का धनशोधन करने में तथा अगस्तावेस्टलैंड में दलाली घोटाले में सक्रियता से शामिल रही है । भारत ने पहली जनवरी, 2104 को फिनमेक्केनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्तावेस्टलैंड से 12 ए डब्ल्यू 101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा रद्द कर दिया था क्योंकि सौदे की शर्तों का कथित रुप से उल्लंघन हुआ था और इस सौदे के लिए 423 करोड़ रुपये कथित दलाली दी गयी थी।

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