इंजीनियर ब्नने की इच्छा रखने वाला 17 साल का हारिस मारा गया औरंगाबाद हिंसा में, पिता का रो रोकर बुरा हाल
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में दो समुदाय के बीच भड़की हिंसा में अबतक पचास से ज्यादा लोग घायल बताए जाते हैं। हिंसा में एक नाबालिग सहित दो लोगों की मौत हो गई है। हालांकि शुक्रवार (11 मई, 2018) देर रात हुई हिंसक झड़प के बाद अब वहां स्थिति सामान्य बनी हुई है। किसी भी अप्रिय स्थिति को देखते हुए तनावपूर्ण इलाकों में धारा-144 लागू की गई है। मोबाइल, इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी गई हैं। वहीं पानी को लेकर हुई हिंसा में मारे गए नाबालिग मोहम्मद हारिस के परिजनों ने एबीपी से कहा कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो उनके बेटे की मौत नहीं होती। पत्रकार के पूछने पर एक शख्स ने बताया कि दसवीं क्लास में पढ़ रहा दानिश इंजीनियर बनना चाहता है, लेकिन उनका बेटा गोलीबारी में मारा गया। रिपोर्ट के मुताबिक सांप्रदायिक हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। दंगाईयों ने 100 से ज्यादा दुकानों को आग के हवाले कर दिया। दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस कार्रवाई में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जाता है कि दो समुदायों के बीच झगड़ा पिछले कई दिनों से चल रहा था, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया गया है। औरंगाबाद का शाहगंज दंगों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
बता दें कि शुक्रवार रात सैकड़ों की तादाद में युवा सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जमकर पत्थरबाजी की। इस दौरान उपद्रवियों को तितर-बितर करने पहुंची पुलिस की गोली एक युवक को गोली लग गई, जिसे शुक्रवार देर रात एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हिंसा में एसीपी गोवर्धन कोलेकर सहित कम से कम 10 पुलिसकर्मी भी बुरी तरह घायल बताए जाते हैं। पुलिस स्टेशन के चीफ हेमंत कदम और इंस्पेक्टर श्रीपद परोपकारी भी घायल हुए हैं। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में शाहगंज के अलावा गांधीनगर, राजाबाजार प्रभावित हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने मामले में जांच शुरू कर दी है।