निपाह वायरस के संक्रमण को लेकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में की गयी चेतावनी जारी, दहशत फैलाने की नहीं है जरूरत

 

केरल में निपाह वायरस के संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में भी चेतावनी जारी कर दी गई है। केरल और दक्षिण के अन्य राज्यों से आने वाली रेलगाड़ियों में यात्रा करने वालों में जागरूकता के लिहाज से कदम उठाए गए हैं। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दहशत फैलाने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अगुआई में विशेषज्ञों की केंद्रीय टीम केरल में निपाह वायरस के संक्रमण की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रही है।

उत्तर रेलवे के मुख्य प्रवक्ता नितिन चौधरी के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के परामर्श के हिसाब से रेलवे अस्पताल में एहतियाती तैयारी है। मसलन ट्रेनों और स्टेशनों पर पोस्टर व परचे लगा कर लोगों को इस बीमारी के लक्षणों व इससे जुड़े बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। अस्पताल के चिकित्सकों को जरूर कहा गया है कि किसी दक्षिण के गाड़ी से आने वाले किसी मरीज में इस तरह के या संदिग्ध बुखार के कोई मामले आते हैं तो उनकी गंभीरता से पड़ताल करें। करीब आधा दर्जन गाड़ियां दक्षिण के विभिन्न राज्यों से दिल्ली आती हैं।

बता दें कि केरल में निपाह वायरस (NiV) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। केंद्र व राज्य सरकार ने निपाह वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में केरल के कोझिकोड व मलप्पुरम में इस वायरस के होने की पहचान की गई है। वहीं मंगलौर में भी एक संदिग्‍ध मरीज मिला है। पड़ोसी राज्‍यों को अलर्ट कर दिया गया है। केरल सरकार ने निपाह वायरल के चलते जान गंवाने वाली नर्स लिनी के पति को सरकारी नौकरी देने का प्रस्‍ताव दिया है। इसके अलावा लिनी के दोनों बेटों को 10-10 लाख रुपये देने की भी घोषणा की गई। अन्‍य पीड़‍ित परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया।

निपाह वायरल के लक्षण : लक्षण शुरू होने के दो दिन बाद पीड़ित के कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं इंसेफेलाइटिस के संक्रमण की भी संभावना रहती है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है। वायरस की इनक्यूबेशन अवधि 5 से 14 दिनों तक होती है, जिसके बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बेहोशी और मतली शामिल होती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति को गले में कुछ फंसने का अनुभव, पेट दर्द, उल्टी, थकान और निगाह का धुंधलापन महसूस हो सकता है।

सावधानियां: यह ध्‍यान रखें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाए। पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें। बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।

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