पूर्वोत्तर राज्यों मे मिली सफलता के बाद बीजेपी ने अब दिया ‘वामपंथ मुक्त भारत’ का नारा
भारतीय जनता पार्टी ने अब ‘वामपंथ मुक्त भारत’ नारा दिया है। त्रिपुरा में बीजेपी की संभावित जीत से उत्साहित और मेघालय और नागालैंड में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- ”एक प्रकार से पूरा पूर्वोत्तर अब बीजेपी के साथ है। शुरू में हम कहा करते थे ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ अब मैं सोचता हूं कि हम ‘वामपंथ मुक्त भारत’ भी कह सकते हैं।” बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी को भारी सफलता मिली है। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी इस राज्य में खाता भी नहीं खोल पाई थी, वहां आज सरकार बनाने की तैयारियां कर रही है। खबर लिखे जाने तक त्रिपुरा में बीजेपी 4 सीटें जीत चुकी थी और 30 सीटों पर आगे चल रही थी। वहीं नागालैंड में बीजेपी और एनडीपीपी गठबंधन 27 सीटों पर आगे चल रहा था और 3 सीटें जीत ली थीं। पूर्वोत्तर राज्यों खासकर त्रिपुरा के परिणाम को देखते हुए बीजेपी नेता गदगद हैं।
In a way the entire north east is now with the BJP. Initially we used to say “Congress mukt Bharat’ now I think we can say ‘Vaampanth Mukt Bharat” also.: Union Minister, Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/YBfCW4EiBw
— ANI (@ANI) March 3, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पार्टी के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। त्रिपुरा में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के पीछे बीजेपी के मराठा चेहरा सुनील देवधर को माना जा रहा है। बीबीसी से बात करते हुए देवधर ने अपनी रणनीति के बारे में बताया। देवधर ने बताया कि उन्होंने बूथ स्तर पर जाकर पार्टी के लिए काम किया। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर में कांग्रेस की स्थिति देश के बाकी हिस्सों से अलग है। वहां कांग्रेस में अच्छे नेता रहे हैं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस से नेताओं को बीजेपी में शामिल करना शुरू किया।
उन्होंने बताया उन्होंने नाराज चल रहे वामदलों के नेताओं को भी बीजेपी में आने के लिए कहा। इससे पार्टी का दायरा बड़ा होता गया और वह मजबूत होती गई। 27 फरवरी को हुए चुनावों से पहले बीजेपी नेताओं ने पूर्वोत्तर के राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। खासकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा मे कई सभाएं की थीं। कांग्रेस की तरफ से भी प्रचार अभियान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई थी, लेकिन बीजेपी के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार के प्रदर्शन को ऐतिहासिक माना जा रहा है।