वेश बदल देर रात सड़कों पर घूमीं ये डीसीपी, जानिए क्या रहा नतीजा
केरल की महिला पुलिस अधिकारी ने कोझीकोड शहर में रात में महिलाओं की सुरक्षा की जांच-पड़ताल करने के लिए अनोखा कदम उठाया। डीसीपी मेरिन जोसेफ दो अन्य महिला कांस्टेबल के साथ सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार रात नौ बजे के बाद एक आम आदमी की तरह सड़क पर उतरी थीं। वह पुलिस यूनिफॉर्म के बजाय सादे लिबास में थीं। उन्हें कुछ चौंकाने वाली परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने यह अभियान स्थानीय मलयालम न्यूज टीवी चैनल ‘मातृभूमि’ के साथ मिलकर चलाया था।
जब डीसीपी को लगा डर: ‘द न्यूज मिनट’ के अनुसार, मेरिन कांस्टेबल वीके सौम्या और एम सविता के साथ कोझीकोड शहर में महिलाओं की सुरक्षा का पता लगाने के लिए निकलीं थीं। तीनों ने इसके लिए मवूर रोड, केएसआरटीसी बस स्टैंड और बीच रोड का चयन किया था। सौम्या और सविता रात नौ बजे ही हालात का जायजा लेने निकल पड़ी थीं, जबकि डीसीपी मेरिन खुद 11:40 बजे निकली थीं। मेरिन ने बताया कि उन्हें सड़क पर एक भी महिला नहीं दिखी। कुछ पुरुष बाइक चलाते या सड़क किनारे खड़े जरूर दिखाई दिए। डीसीपी के मुताबिक उनके साथ किसी तरह की अप्रिय घटना तो नहीं हुई, लेकिन गाड़ियों से आते-जाते लोग उन्हें घूर जरूर रहे थे। कई मौकों पर तो उन्हें डर भी लगा था।
बाइक सवाररफ्तार धीमी कर साथ चलने को कह रहे थे: कांस्टेबल सौम्या और सविता के अनुभव डीसीपी मेरिन से अलग रहे। उनका अनुभव केवल पुरुषों द्वारा घूरने तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में उन्हें अकेला देखकर अजीबोगरीब प्रस्ताव दिए गए। महिला कांस्टेबल ने बताया कि बाइक सवार उनके पास आते ही रफ्तार धीमी कर साथ चलने के लिए कह रहे थे।
देर रात भी दिखी पुलिस की मौजूदगी: अनोखे प्रयोग में केरल पुलिस को केवल नकारात्मक चीजें ही नहीं मिलीं। डीसीपी मेरिन ने बताया कि शहर में देर रात भी पुलिसवाले अच्छी-खासी तादाद में मौजूद थे। उनके अनुसार, गश्ती पर तैनात एक पुलिसवाले ने उन्हें अकेली देख कर पास आया और मदद करने की पेशकश की। मेरिन ने कहा कि लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है, ताकि वे रात में भी महिलाओं के घूमने-फिरने को लेकर अभ्यस्त हो सकें।