पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की पत्नी राजमाता ने दोनों बेटों के खिलाफ घरेलू हिंसा का कोर्ट में दी अर्जी
मीडीया रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह के कुनबे की रार अब सड़क पर आ गई है। अर्जुन सिंह की 84 वर्षीया पत्नी राजमाता सरोज कुमारी ने अपने दोनों बेटों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करने की अर्जी दी है। राजमाता सरोज कुमारी ने ये भी कहा है कि उनके दोनों बेटों ने उन्हें उनके घर से भी बेदखल कर दिया है और उन्हें भरण-पोषण भी नहीं दे रहे हैं। सरोज सिंह ने अपने दोनों बेटों के खिलाफ घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की अर्जी भोपाल के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को दी है। बता दें कि अजय सिंह (राहुल भैया) विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, जबकि अजय सिंह के बेटे अरुणोदय सिंह बॉलीवुड में अभिनेता हैं।
इसलिए आना पड़ा अदालत : मंगलवार (19 जून) की दोपहर करीब 12 बजे सरोज कुमारी भोपाल कोर्ट में पहुंचीं थीं। उनके साथ एनआरआई उद्योगपति सैम वर्मा और बेटी वीणा सिंह भी थीं। सरोज सिंह लंबे वक्त से अपने दोनों बेटों, मध्य प्रदेश में विपक्ष के नेता अजय सिंह और बेंगलुरु के बड़े कारोबारी अभिमन्यु सिंह से अलग नोएडा में रह रही हैं। कोर्ट को दी हुई अपनी अर्जी में राजमाता सरोज कुमारी ने कहा,”मेरे बेटों अजय सिंह और अभिमन्यु सिंह ने घरेलू हिंसा करके मुझे मेरे ही घर से बेदखल कर दिया है। उन्होंने मेरा भरण-पोषण करने से इनकार कर दिया है। इस वजह से मुझे मजबूरी में अदालत की शरण लेनी पड़ी है।”
अदालत मेरी मदद करे: राजमाता सरोज कुमारी ने अपना दर्द अपनी अर्जी में बखूबी बयान कर दिया है। उन्होंने अपनी अर्जी में लिखा,”मेरे पति स्वर्गीय अर्जुन सिंह जीवनभर कांग्रेस पार्टी में रहे। उन्होंने उसके उन उसूलों पर काम किया जिनसे महिलाओं का संरक्षण हो और असहाय व्यक्तियों को सहयोग मिले। लेकिन मेरे बेटे अजय सिंह ने कांग्रेस पार्टी के उन्हीं उसूलों को ताक पर रखकर मुझे मेरे घर से बेदखल कर दिया। मुझे इस अवस्था और इस उम्र में अपना घर छोड़कर अलग-अलग जगहों पर रहना पड़ रहा है। यह कृत्य कांग्रेस पार्टी के उसूलों के खिलाफ है। यह प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का नेता और सर्वसंपन्न होने के बावजूद मेरे बेटे के चरित्र को परिभाषित करता है।” राजमाता सरोज कुमारी ने लिखा है,”मैं चाहती हूं कि अदालत मुझे मेरे निवास में रहने में मदद करे और अजय सिंह उर्फ राहुल भैया को वहां से अलग करने का आदेश दे। मुझे न्याय मिलने का पूरा विश्वास है।”
जब बेटी ने की थी बगावत: सूत्रों के मुताबिक दरअसल राजमाता सरोज कुमारी की नाराजगी का कारण बेटी वीणा सिंह की दोनों बेटों के द्वारा की जाने वाली उपेक्षा है। वीणा सिंह ने साल 2009 के लोकसभा चुनावों में मध्य प्रदेश की सीधी सीट से कांग्रेस का टिकट मांगा था। लेकिन कहा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस में तगड़ी पकड़ रखने वाले बेटे अजय सिंह के कारण वीणा सिंह का टिकट काट दिया गया। अपनी बेटी को टिकट दिलवा पाने में नाकाम रहने पर अर्जुन सिंह जब मीडिया के सामने आए तो उनकी आंखें नम हो गईं थीं, लेकिन उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला था
इस कोठी को लेकर है विवाद : वहीं राजमाता सरोज कुमारी ने जिस घर से बेदखल करने की बात अपनी अर्जी में लिखी है, वह घर अर्जुन सिंह के लिए बेहद अनलकी साबित हुआ है। रामशरण जोशी की किताब,”अर्जुन सिंह, एक सहयात्री इतिहास का” के पृष्ठ संख्या 427 पर इस बारे में विस्तार से जिक्र किया गया है। भोपाल के कैरवा बांध के किनारे अर्जुन सिंह ने साल 1980 के आसपास सरोज कुमारी और अपने बच्चों के कहने पर आलीशान ‘कैरवा कोठी’ बनाई थी। लेकिन इस कोठी के विवाद में उनका जीवन की अंतिम सांस तक पीछा किया। हालांकि न्यायालय ने उन्हें इस मामले में कभी अर्जुन सिंह को दंडित नहीं किया। कोठी में आजकल उनके बेटे अजय सिंह उर्फ राहुल भैया रह रहे हैं।
कोठी पर इसलिए है विवाद : अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री रहते उनके गृह क्षेत्र चुरहट में बाल कल्याण समिति नामक संस्था ने लॉटरी का कारोबार शुरू किया। इसमें शामिल लोगों पर 4 करोड़ रुपए के गबन का आरोप लगा। अर्जुन सिंह का नाम भी इससे जोड़ा गया। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर उन्हें 1989 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। विपक्ष का कहना था कि लॉटरी से मिली रकम मुख्यमंत्री ने अपनी कोठी में लगाई है, जो भोपाल के केरवा इलाके में बनी है। तब सिंह ने विधानसभा में अपनी कोठी की कीमत 15 लाख रुपए बताई थी। अब यह करोड़ों की बताई जाती है और इसी पर सिंह की पत्नी और बेटों में विवाद है।