दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए दिव्यांग पति को कंधे पर लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही ये दिव्यांग की पत्नी

उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में सरकारी बाबू किस तरह से अपना काम कर रहे हैं इसकी एक बानगी मंगलवार (03-04-2018) को देखने को मिली है। मंगलवार को जो तस्वीर राज्य के मथुरा जिले से सामने आई है उसने राज्य में सरकारी बाबुओं के कामकाज के तरीके की पोल खोल दी है। यहां एक महिला अपने दिव्यांग पति को कंधे पर लेकर घंटों सरकारी दफ्तरों  के चक्कर काटती रही। इस महिला का नाम बबीता बताया जा रहा है। बबीता का कहना है कि उसे अपने दिव्यांग पति के लिए व्हीलचेयर कही नहीं मिला इसलिए मजबूरी में उसे अपने पति को अपनी पीठ पर उठाकर इधर-उधर भटकना पड़ा।

गंभीर बात यह है कि यह महिला अपने पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कई दिनों से सीएमओ ऑफिस के चक्कर काट रही है। जानकारी के मुताबिक एक सड़क हादसे में इस महिला के पति का एक पैर कट गया था। इस हादसे को हुए तीन साल हो गए हैं और पिछले तीन सालों से वो अपने पति के दिव्यांग सर्टिफिकेट के लिए सरकारी बाबूओं के कार्यालय की चक्कर काट रही हैं। लेकिन अधिकारी हैं कि काम करने को तैयार नहीं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट में पहुंचने के बाद इस महिला को अपने पति की फोटो खींचवाने के लिए कहा गया। लेकिन फोटो खींचवाने के लिए पति को दफ्तर से बाहर ले जाने की समस्या थी।

हैरानी की बात यह है कि इस बेबस महिला को व्हीलचेयर तक उपलब्ध नहीं कराया गया। मजबूरन इस महिला को अपने पति को पीठ पर उठाकर जाना पड़ा। जानकारी के मुताबिक यह दंपत्ति नौहझील थाना क्षेत्र के मानागढ़ी के रहने वाले है। सड़क हादसे के बाद इस परिवार को कोई सरकारी मदद तक नहीं मिल सकी है। पति को पीठ पर बैठाए इस महिला की तस्वीर मीडिया में सामने आने के बाद कलेक्ट्रेट ऑफिस में हड़कंप मच गया है। अफसोस की बात यह भी है कि सड़क पर लोग इस महिला को उसके पति को पीठ पर बैठाकर ले जाते देख रहे थे लेकिन किसी ने इस महिला की मदद भी नहीं की।महिला के मुताबिक उसने कई सामाजिक संगठनों से भी संपर्क कर उनसे मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी अब तक उसकी मदद नहीं की है। इधर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कर दोषी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

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