मृतका ने पूछा था कि पिस्टल असली है या नहीं और यही बताने के लिए लड़के ने गोली मार ले ली जान
दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मिले स्ट्रेचर पर लावारिश पड़ी लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने इस बात का खुलासा किया
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के कत्ल की इस कहानी में जिस लड़के ने लड़की को गोली मारकर मौत की नींद सुला दी उन दोनों के बीच कोई दुश्मनी नहीं थी। वे दोनों एक दूसरे को जानते नहीं थे। लेकिन लड़के ने लड़की को गोली इसलिए मार दी क्योंकि आरोपी मृतका को बताना चाहता था कि उसने जिस पिस्टल को पकड़ रखा था वो खिलौना नहीं ऑरिजिनल था। ये कहानी बुधवार (25 जुलाई) को जीटीबी अस्पताल में एक स्ट्रेचर पर लावारिश पड़ी लाश की है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक शहादरा की डीसीपी मेघना यादव ने इस घटना का पर्दाफाश किया है। पुलिस के मुताबिक घटना में इस्तेमाल पिस्टल को बरामद किया है। वहीं घटना के एक आरोपी की तलाश की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक बुधवार को पवन और सन्नी के दो लड़के दिलशाद गार्डन स्थित एक बुटीक में गये। पवन इस बुटीक के मालिक को जानता था। वह यहां काम करने वाली एक लड़की के साथ रिलेशनशिप में था। कुछ दिन बाद पवन का इस लड़की के साथ रिश्ता खत्म हो गया और वो एक दूसरी महिला के साथ संपर्क में आ गया। इसके बाद पवन की पुरानी प्रेमिका ने उसकी पत्नी को उसके नये रिश्ते की खबर दे दी। पवन अपनी पुरानी प्रेमिका को डराना चाहता था, इसके लिए उसने पिस्टल खरीद रखी थी।
पवन और सन्नी रात आठ बजे के करीब दिलशाद गार्डन पहुंचा था। पवन ने बुटीक के मालिक को अपनी पुरानी प्रेमिका को बुलाने को कहा। जैसे ही वो कमरे में आई पवन ने उसपर पिस्टल तान दिया। कमरे में मौजूद दूसरी औरत ये देखकर चिल्लाने लगी। इसके बाद पवन ने पिस्टल सन्नी को दे दिया। कमरे में हंगामा सुनकर दूसरे रूम में मौजूद एक तीसरी महिला वहां का माजरा देखने आई। इस महिला ने सन्नी के हाथ में पिस्टल देखकर पूछा कि क्या ये पिस्टल असली है या खिलौना। सन्नी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने पिस्टल को सही साबित करने के लिए पांच मीटर दूरी से महिला के पेट में गोली मार दी। महिला तुरंत नीचे गिर गई। खून का फव्वारा निकल पड़ा। इसके बाद सन्नी, पवन और बुटीक मालिक महिला को एक निजी अस्पातल में लेकर गये। यहां से महिला को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इन तीनों ने महिला का इलाज कराने के बजाय उसे एक स्ट्रेचर पर लावारिश छोड़कर भाग गये।