राजस्थान में महिला डिप्टी कमिश्नर ने पति और सास के खिलाफ सुसाइड नोट लिख लगाई फांसी
राजस्थान की राजधानी जयपुर में कस्टम विभाग में जीएसटी विंग की महिला डिप्टी कमिश्नर ने आत्महत्या कर ली है। डिप्टी कमिश्नर ने सोमवार (6 अगस्त) की दोपहर बजाज नगर स्थित अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर जान दे दी थी। उनकी लाश को पंखे से चुन्नी के सहारे लटकता हुआ पाया गया था। महिला डिप्टी कमिश्नर के पति इंडियन ऑडिट अकाउंट्स सर्विस के अधिकारी हैं और चंडीगढ़ में कार्यरत हैं। परिजनों के द्वारा लगातार फोन करने के बाद भी जब वह नहीं आए तो उनके मायके वालों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
महिला डिप्टी कमिश्नर की मां उनके साथ रहा करती थीं। मां ने पुलिस को बताया,”सोमवार को वह अपने दफ्तर नहीं गईं थीं। वह अपने कमरे में ही बंद थीं। कई दिनों से वह डिप्रेशन की दवाईयां भी खा रहीं थीं। वह पूरे दिन बेटी के कमरे से बाहर निकलने का इंतजार करती रहीं। कई बार बुलाने और दरवाजा पीटने पर भी उसने दरवाजा नहीं खोला। घबराई मां ने अजमेर में अपने बेटे को फोन किया। बेटे ने अपने दोस्त को घर जाने के लिए कहा। जब दोस्त के आने के बाद दरवाजा खोला गया तो लाश पंखे से लटकी हुई मिली।
जयपुर कमिश्नरेट में डीसीपी ईस्ट गौरव यादव ने जनसत्ता.कॉम से बातचीत में बताया,” सोमवार देर रात घटना की सूचना मिलने पर बजाज नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। मौका—मुआयना में एक सुसाइड नोट जब्त किया गया है। एफएसएल टीम ने भी मौके की छानबीन की है। मंगलवार (7 अगस्त) को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया है। शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। अगर परिजन इस मामले में कोई शिकायत देते हैं तो उस आधार पर अन्यथा पुलिस स्वयं उपलब्ध सबूतों के आधार पर मामला दर्ज कर सकती है।”
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि महिला डिप्टी कमिश्नर ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा था। ये नोट उनके शव के पास ही रखी मेज से बरामद किया गया था। उन्होंने ये नोट इंग्लिश में लिखा था। नोट में जिक्र था कि मैं अपने जीवन को छोड़ रही हूं। पति और सास ने मुझे 9 सालों से परेशान और बर्बाद कर दिया है। भगवान मेेरे बच्चों का ध्यान रखे लेकिन मैं अब और धोखे में नहीं रह सकती हूं।”
मृतका की मां ने पुलिस को बताया,”बेटी की आत्महत्या करने की सूचना सोमवार देर रात उसके पति को दे दी गई थी। उन्होंने मंगलवार की दोपहर तक पहुंचने की बात कही थी। जबकि स्थानीय कार्यालय के कुछ लोगों को मौके पर वस्तुस्थिति पता करने के लिए भेजा था। जब मंगलवार की दोपहर तक वह नहीं आए और फोन भी बंद कर लिया तो हमलोगों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया।”