गुजरात में महिला ने बीजेपी विधायक के खिलाफ वापस लिया रेप केस, अदालत ने फिर सोचने की दी हिदायत
गुजरात के भाजपा उपाध्यक्ष और विधायक जयंती भानुशाली के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाने वाली 21 वर्षीय महिला ने अपना केस वापस ले लिया। शुक्रवार को उसने गुजरात हाईकोर्ट में कहा कि, “वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती। कुछ गलतफहमी की वजह से उसने शिकायत दर्ज करवा दी थी।” महिला ने लिखित तौर पर केस रद्द करने की अर्जी दी। बुर्के में अपने चेहरे को ढ़की हुई महिला जस्टिस पीपी भट्ट के कोर्ट में पहुंची। इसके बाद भानुशाली के वकील एसवी राजु ने कोर्ट से आग्रह किया कि शिकायर्ता जो बयान दे रही हैं, उसे रिकार्ड कर लिया जाए। वह कोर्ट में उपस्थित हैं। इसके बाद महिला ने कहा कि,”अपनी मर्जी से कंप्लेन वापस ले रही हूं।” हालांकि, इसके बाद भी जस्टिस भट्ट ने महिला को कहा कि वह शिकायत वापस लेने से पहले एक बार अच्छे से सोंच ले। उनके पास समय है। कोर्ट ने इस बाबत सरकार को उसके बयान की सत्यता की पुष्टि करने और 7 अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा है।
कोर्ट में भाजपा विधायक के वकील राजू ने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम में जब शिकायर्ता जांच अधिकारी के साथ कोर्ट में मौजूद हो, कोर्ट उनके बयान के आधार पर ही निर्णय लेती है। इस पर जस्टिस भट्ट ने गुजराती में कहा कि, “आ ऑरडिनरी केस ऑफ क्लैशिंग नाथी.. आ मोटा केस छे(यह एफआईआर रद्द करने वाला कोई साधारण केस नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा केस है)।” वहीं, भानुशाली के वकील ने कहा कि यह एक साधारण केस है। इससे पहले, लड़की के वकील ने एक हलफनामा प्रस्तुत किया जिसमें उसने कहा था, “कुछ गलतफहमी के कारण मैंने मामला दायर किया था, लेकिन मुझे फिर एहसास हुआ। मैं अपनी उम्र और भविष्य को देख समाज और परिवार में सामंजस्यपूर्ण माहौल चाहती हूं। इसलिए, अब मैं इस मामले में आगे बढ़ना नहीं चाहता हूं। मुझे एफआईआर को रद्द करने पर आपत्ति नहीं है।”
सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए सरकारी अभियोजक मितेश अमीन ने कहा, “लड़की द्वारा दायर शपथ पत्र उसकी स्वतंत्र इच्छा पर है या नहीं? इसकी जांच की जानी चाहिए।” अमीन ने कहा कि जांच अधिकारी (आरआर सरवैया के अस्सिटेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस), जो अदालत में भी मौजूद थे, हलफनामे की पुष्टि करेंगे और एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अदालत को 7 अगस्त को इस मामले को फिर से सुनना है। राजू ने कहा कि, ” इसी तरह के कई मामले हैं जिन्हें रद्द किया जा रहा है। एक मामले में, एफआईआर गुरुवार को रद्द कर दिया गया था। इन मामलों को लोगों के एक समूह द्वारा दर्ज किया गया था।”