छत्तीसगढ़ में दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को जब अस्पताल में नहीं मिले डॉक्टर तो ऑटोरिक्शा में ही दिया बेटे को जन्म

गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव और उनकी उचित देखभाल के लिए भले ही केंद्र सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं लाने की बात करती रहती हो, लेकिन जमीन पर गर्भवती महिलाओं की क्या स्थिति है? सरकारी अस्पताल ऐसी महिलाओं को लेकर कितने तत्पर हैं? इसकी एक बानगी देखने को मिली है छत्तीसगढ़ में। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक महिला ने ऑटो रिक्शा के अंदर बच्चे को जन्म दिया है। कहा जा रहा है कि जिले के सरकारी अस्पताल  में डॉक्टर ही नहीं थे जिसकी वजह से इस गर्भवती महिला को ऑटो रिक्शा के अंदर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। जानकारी के मुताबिक दर्द से कराह रही इस महिला को उसके परिजनों ने जिले के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में लाया  लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में महिला को देखने के लिए कोई चिकित्सक ही मौजूद नहीं थे।

काफी देर तक महिला के परिजन अस्पताल के चक्कर कांटते रहे, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की उपलब्धता नहीं होने की वजह से अस्पताल प्रशासन ने महिला का इलाज करने से इनकार कर दिया। हालांकि महिला के परिजन अस्पताल परिसर में खुद भी डॉक्टरों की तलाश कर रहे थे लेकिन आखिरकार महिला को देखने कोई भी नहीं आया। निराश और घबराए परिजन महिला को किसी निजी अस्पताल में ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दर्द बढ़ने की वजह से परजिनों ने खुद ही बच्चे की डिलीवरी करने की कोशिश की। जिसके बाद गर्भवती महिला ने ऑटो रिक्शा के अंदर ही बच्चे को जन्म दिया।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के सरकारी अस्पतालों में ऐसी लापरवाही की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। लेकिन छोटे-छोटे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर हालात हमेशा ही बदत्तर रहते हैं। जरुरत के समय स्वास्थ्य केंद्रों में ़डॉक्टरों के गैरहाजिर होने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। गंभीर बात यह है कि सरकारी अस्पतालों की इस गलती का खामियाजा अक्सर मरीजों को भुगतना पड़ता है।

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