कैंसर पीड़‍ित बच्‍चे की मां ने राष्‍ट्रपति से लगाई गुहार- नहीं करा पा रही इलाज, मौत देने की अनुम‍ति‍ दें

एक मां के लिए उसकी संतान सबसे प्रिय होती है। अगर बच्चे को जरा सी भी चोंट लगती है तो दर्द मां को होता है। ऐसे में जब कोई मां अपने बच्चे के लिए इच्छा मृत्यु की मांग करे तो जरा सोचिए उस पर क्या बीत रही होगी। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है जहां पर अपने 10 साल के बेटे के इलाज का खर्चा न उठा पाने के कारण एक मां ने राष्ट्रपति से उसे इच्छा मृत्यु देने की मांग की है। एएनआई के अनुसार महिला का नाम जानकी है जो कि कानपुर की रहने वाली है। जानकी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर अपने बेटे के लिए इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। जानकी ने बताया कि उसके बेटे को स्किन कैंसर है। वह उसे लेकर इलाज के लिए डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर ने उससे कहा कि वह 15 दिन बाद आए लेकिन जब वह 15 दिन बाद डॉक्टर से मिलने गई तो उसे पता चला की डॉक्टर छुट्टियों पर चला गया है

डॉक्टर के वापस आने के बाद जानकी ने फिर उससे संपर्क किया। डॉक्टर ने जानकी से दस हजार रुपए की मांग की। उसने जानकी से कहा कि अगर वह पैसा देती है तो ही वह उसके बेटे का इलाज करेगा जब्कि जानकी उसे अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बता चुकी थी। इसके बाद जानकी ने बेटे के इलाज के लिए जिला मजिस्ट्रेट, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, जिलाधिकारी, कलेक्टर और विधायक नीलिमा कटियार से भी संपर्क किया। जब किसी ने भी जानकी की नहीं सुनी तो विधायक नीलिमा ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र लिखकर राज्य कोष में से जानकी की मदद करने के लिए विन्नती की। कटियार द्वारा यह पत्र 14 मई, 2017 को लिखा गया था जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।

जानकी के पास न तो कोई नौकरी है और न ही कोई घर है। वह महंत अमरनाथपुरी के शेल्टर में रह रही है, जो कि उसकी पिछले चार साल से मदद कर रहे हैं। अमरनाथपुरी के अनुसार सरकार से उन्हें पिछले पांच-छह महीनों से कोई मदद नहीं मिली है और वे चैरिटी के जरिए ही जानकी के बेटे के लिए दवाई का इंतजाम कर रहे हैं। बेटे को पर्याप्त इलाज न मिलने से परेशान होकर जानकी अपने बेटे को और दर्द में तड़पता हुआ नहीं देखना चाहती। उसे जैसे ही पता चला कि आज यानि 15 सितंबर को राष्ट्रपति कोविंद कानपुर दौरे पर आ रहे हैं तो उसने अपने बच्चे के लिए इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए पत्र लिख दिया।

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