वर्ल्ड बैंक ने कहा था नहीं देंगे सरदार सरोवर बांध निर्माण के लिए पैसे, तब गुजरात के मंदिरों ने दिया था दान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (17 सितंबर) को अपने 67वें जन्मदिन पर सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन कर देश को एक बड़ी सौगात दी। उद्घाटन के बाद उन्होंने गुजरात के साधु बेट में बन रहे सरदार बल्लभ भाई पटेल की ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ का दौरा किया। बाद में पीएम मोदी ने दभोई में नर्मदा समारोह के समापन में लोगों को संबोधित किया और बांध निर्माण के दौरान आईं परेशानियों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘सरदार सरोवर बांध परियोजना के खिलाफ कई षडयंत्र रचे गए। लेकिन हमारी सरकार ने इसे बनाकर ही दम लिया। जब सरकार ने बांध निर्माण के लिए फंड देने से इंकार कर दिया तब हम वर्ल्ड बैंक के पास गए। लेकिन वहां से भी निराशा हाथ लगी। इसके बाद हमने फैसला लिया कि बांध को खुद की मेहनत से बनाएंगे। इतनी बड़ी परियोजना के लिए गुजरात के मंदिरों ने दान दिया।
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘जब में गुजरात का मुख्यमंत्री था तब बीएसएफ पोस्ट में गया। वहां पीने के लिए पानी नहीं था। तब मैंने संकल्प लिया कि देश के लिए नर्मदा का पानी लेकर आऊंगा। जब कोई बेटा सूखा ग्रस्त मां को पानी देता है तो इससे ज्यादा संतोष की भावना और क्या हो सकती है!’ गौरतलब है कि तब बांध को लेकर आई सबसे बड़ी परेशानियों में ये था कि विश्व बैंक ने पर्यावरण का हवाला देकर इस योजना से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे, लेकिन देशवासियों ने इसके लिए दृढ़ सकंल्प लिया था। अड़चनों के बावजूद नर्मदा बांध बनाकर ही दम लिया गया।
इससे पहले उद्घाटन के वक्त पीएम ने उसकी पूजा-अर्चना की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी, गुजरात के सीएम विजय रूपानी सहित प्रमुख लोग मौजूद थे। ये दुनिया का दूसरा और देश का सबसे ऊंचा बांध है। इसके बन जाने के बाद देश के चार राज्यों को इसका फायदा मिलेगा। इनमें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल 1961 को इस बांध की आधारशिला रखी थी। हालांकि इसे बनने में 56 साल लग गए।