ब्रेस्ट निकलते ही लड़कियों को रेप के लिए भेजते हैं आईएसआईएस आतंकी- सेक्स स्लेव ने बताई आपबीती
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के चंगुल से आजाद हुई यजीदी लड़की ने अपनी आपबीती सुनायी तो लोगों के रोंगटे सिहर उठे। आईएस के गिरफ्त से छूटी एक लड़की ने बताया कि आतंकवादी लड़कियों का अपहरण करने के बाद उन्हें दीवार से लगकर खड़े होने को कहते थे। आतंकवादी लड़कियों सीने को दबाकर देखते थे कि उनके स्तन विकसित हुए है या नहीं। आतंकवादियों के चंगुल से आजाद हुई लड़की ने बताया कि आतंकवादी उन सभी लड़कियों का बलात्कार करते थे जिनके स्तन विकसित हो चुके हों। कैद से छूटी लड़की ने बताया कि जिन लड़कियों के स्तन विकसित नहीं होते थे उन्हें आतंकवादी कैद में भेज देते थे और कुछ महीनों बाद उनका भी वही हश्र होता था जो बाकी लड़कियों का होता था।
हेनरी जैकसन सोसाइटी की निकिता मलिक ने “ट्रैफिकिंग टेरर, हाऊ माडर्न स्लेवरी एंड सेक्सुअल वॉयलेंस फंड टेररिज्म” नामक शोधपत्र में इस लड़की और बाकी लड़कियों की आपबीती दुनिया के सामने रखी। निकिता मलिक ने अपने शोधपत्र में इस लड़की को पीड़िता संख्या एक बताया है। निकिता ने बताया कि पीड़िता संख्या एक आतंकवादियों द्वारा किए गये बलात्कार के कारण गर्भवती हो गयी थी। उसने सीढ़ियों से गिरकर गर्भपात की कोशिश की थी। पीड़िता संख्या एक ने निकिता को बताया था कि आतंकवादी एक ही कमरे में अलग-अलग लड़कियों से रेप करते थे। अगर कोई लड़की उनकी गिरफ्त से भागने की कोशिश करते थे तो सजा के तौर पर कई आतंकवादी मिलकर उसका रेप करते थे। पीड़िता संख्या एक ने निकिता को बताया कि उसे कई बार बेचा गया और उसने बच्चों का रेप होते भी देखा था।
निकिता के अनुसार पीड़िताओं ने बताया कि आतंकवादी कहते थे कि वो पैगंबर मोहम्मद का बनाया कानून लागू कर रहे हैं। पीड़िता के अनुसार आईएस के आतंकवादियों ने 27 पन्नों का दस्तावेज बना रखा था जिसमें यौन गुलामों के संग बरताव के बारे में निर्देश लिखे थे। इस दस्तावेज के अनुसार गुलामों को सबक सिखाने के लिए पीटा जा सकता है लेकिन मौज-मस्ती या बदला लेने के लिए नहीं। इस दस्तावेज के अनुसार गुलामों को दूसरे सामान की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। दस्तावेज के अनुसार जिन लड़कियों का मासिक धर्म शुरू नहीं हुआ है उनके साथ भी शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत थी।