उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त जिलों में अब हेलीकॉप्टर से बारिश कराने जा रही योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में सूखे से निपटने के लिए हेलीकॉप्टर से कृत्रिम बारिश का सहारा लिया जाएगा। इस बाबत योगी आदित्यनाथ सरकार ने आइआइटी कानपुर के साथ मिलकर प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए सिंचाई विभाग जुटा है।सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के हवाले से हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार किलोमीटर में हेलीकॉप्टर से बारिश कराने में 5.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मंत्री धर्मपाल ने बताया कि पर्याप्त बारिश न होने की स्थिति में मानसून खत्म होने के बाद बुंदेलखंड से कृत्रिम बारिश प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी। राज्य के सभी सूखा प्रभावित जिलों में इस सुविधा का लाभ किसान उठाएंगे।

यूं होगी बारिशः प्राकृतिक गैसों से कृत्रिम बादल तैयार होंगे। जिस इलाके में बारिश करानी होगी, वहां आसमान में हेलीकॉप्टर से सिल्वर आयोडाइड और कुछ दूसरी गैसों का घोल उच्च दाब छिड़का जाएगा और इस केमिकल के छिड़काव से बारिश होने लगेगी। आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों की मौजूदगी में सिंचाई विभाग इस तकनीक का प्रजेंटेशन ले चुका है। खास बात है कि ऐसी बनावटी बारिश के लिए आइआइटी कानपुर ने तमाम उपकरणों का बंदोबस्त भी कर लिया है।
चीन ने तकनीक देने से कर दिया: केमिकल के छिड़काव से बारिश कराने की तकनीक दुनिया में चीन, इजराइल, इंडोनेशिया, रूस, मैक्सिको जैसे देशों के पास है। यूपी के सिंचाई मंत्री धर्मपाल ने बताया कि कृत्रिम बारिश की तकनीक 11 करोड़ में देने के लिए चीन पहले राजी हुआ था मगर बाद में मुकर गया। जिस पर आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने अपने प्रयास से यह तकनीक विकसित करने में सफलता हासिल कर ली।

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया, “मानसून खत्म होने के बाद बुंदेलखंड से कृत्रिम बारिश प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी। सरकार ने इस तकनीक को चीन से खरीदने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी। हालांकि, शुरुआत में चीन इस तकनीक को 11 करोड़ रुपये में देने को तैयार हो गया था, लेकिन बाद में इनकार कर दिया।” सिंह ने बताया कि इस बड़ी समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर ने कर दिया है। 5़ 5 करोड़ रुपये में 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *