अब बिहार से परेशान हो सकते हैं नरेंद्र मोदी, जदयू नेता ने कहा- उठाएंगे विशेष राज्य का मुद्दा
विशेष राज्य की मांग पर नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। दक्षिण भारत के एकमात्र सहयोगी तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के एनडीए से अलग होने के बाद अब बिहार की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को फिर से उठाने के संकेत दिए हैं। जदयू महासचिव केसी त्यागी ने आज (16 मार्च) नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि उनकी उनकी पार्टी और पार्टी अध्यक्ष बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं और आगे भी इसके लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने पार्टी द्वारा इस मुद्दे को गंभीरता पूर्वक लेने के संकेत दिए हैं। बता दें कि साल 2013 में एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश ने पिछले साल 2017 में फिर से बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बना ली थी। उससे पहले नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार चला रहे थे।
चंद्रबाबू नायडू की ही तरह नीतीश कुमार भी लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं ताकि राज्य में औद्योगिक निवेश के रास्ते खुल सकें और सरकार उद्योगपतियों को कर रियायत दे सके। साल 2013 में इसी मांग को लेकर नीतीश कुमार ने नई दिल्ली में अधिकार रैली का आयोजन किया था और कहा था कि जो भी पार्टी या गठबंधन की सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगी उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों में उसका साथ देगी लेकिन तब की मनमोहन सिंह सरकार ने ऐसा नहीं किया था। नीतीश ने 2014 का लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ा था। बाद में 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव से पहले नीतीश की जदयू और लालू यादव की राजद ने कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था।
महागठबंधन से अलग होने के बाद राजद नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोलते रहे हैं। विशेष राज्य के मुद्दे पर भी राजद और तेजस्वी लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं और नीतीश पर इस मुद्दे को स्वार्थ की वजह से भूल जाने का आरोप लगाते रहे हैं। बीजेपी के शत्रुघ्न सिन्हा ने भी कुछ दिनों पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। अब जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी लोकसभा उप चुनावों में हार के बाद परेशान है, तब टीडीपी का एनडीए से अलग होना और जदयू द्वारा फिर से विशेष राज्य की मांग उसे और परेशान कर सकती है। एनडीए का एक घटक दल शिव सेना पहले ही बीजेपी से किनारा कर चुका है।