इन्फोसिस में नंदन नीलकेणी की वापसी, बोर्ड ने बनाया नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन
नंदन नीलकेणी की इंफोसिस में वापसी हो गई है। विशाल सिक्का के इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा देने के बाद अब कंपनी बोर्ड ने उन्हें नॉन एग्जिक्यूटिव नॉन इन्डिपेंडेंट चेयरमैन बनाया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी पुष्टि की है। पिछले हफ्ते विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद एक निवेश सलाहकार कंपनी ने नंदन नीलकेणी को गैर कार्यकारी चेयरमैन के रूप में वापस लाने की सलाह दी थी।
बता दें कि नंदन नीलकेणी साल 2002 से 2007 तक इंफोसिस के सीईओ थे। नीलकेणी उन सात चर्चित संस्थापकों में से एक हैं जिन्होंने 1980 के शुरुआती दशक में इंफोसिस की स्थापना की थी। साल 2009 में नीलकेणी को भारत सरकार की तरफ से महत्वकांक्षी परियोजना यूआईडीएआई का चेयरमैन बनाया गया था। गौरतलब है कि नीलकेणी के कार्यकाल में इंफोसिस की रेवेन्यू ग्रोथ 42 फीसदी और मार्जिन में 28 फीसदी की सालाना ग्रोथ थी।
गौरतलब है कि नंदन नीलेकणी नारायण मूर्ति के करीबी रहे हैं। इसके अलावा उन्हें कंपनी बोर्ड का भी विश्वास प्राप्त है। नीलेकणी फैमिली के पास इंफोसिस के 2.29 फीसदी शेयर भी हैं। नंदन नीलेकणि यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के पहले चेयरमैन रहे थे।