उत्तर प्रदेश: मकबरे पर नमाज पढ़ने आए लोगों को रोकने पहुंचे हिंदुत्वादी संगठन, पथराव में 2 घायल

यूपी स्थित मेरठ के शास्त्री नगर इलाके में बुधवार रात दो समुदायों के बीच टकराव के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। दरअसल, बीजेपी की अगुआई में कुछ हिंदू संगठनों ने एक मकबरे पर मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद ही यह टकराव हुआ। बीजेपी का कहना है कि जहां नमाज पढ़ने का कार्यक्रम था, वो जगह सेक्टर-3 स्थित गोल मंदिर के नजदीक है। नेताओं का यह भी दावा है कि नमाज पहली बार पढ़ी गई और वे इस इलाके में ‘नई परंपरा’ नहीं शुरू होने देंगे। हालांकि, मुस्लिम समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि विवादित जगह पर उन्होंने पहले भी नमाज पढ़ी है।

बुधवार को रमजान की शुरुआत थी। मकबरे पर बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे। कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य मौके पर पहुंचे और उन्होंने इस बात का विरोध किया। थोड़ी देर की बहस के बाद मामला संघर्ष में तब्दील हो गया। दो समूहों के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव किया। पुलिस को मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची और हालात काबू में किया। इस हिंसा में दो लोग घायल हो गए। एसएसपी मेरठ राजेश कुमार पांडे ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। दोनों समुदायों के नेताओं ने लिखित में दिया है कि वे मकबरे पर एक नई परंपरा की शुरुआत नहीं करेंगे। इसका मतलब यह है कि पूर्व स्थिति बनी रहेगी। ऐहतियात बरतते हुए हमने इलाके में पुलिसबल की तैनाती बढ़ा दी है।’

उधर, बीजेपी के शास्त्री नगर ट्रेडर्स सेल के जनरल सेक्रेटरी जतिन चांदना ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब ‘सैकड़ों’ लोग नमाज पढ़ने के लिए मकबरे पर इकठ्ठा हुए। बीजेपी नेता के मुताबिक, यह मकबरा ऐसी जगह है जहां मुस्लिमों की तादाद बेहद कम है। उन्होंने कहा, ‘हम किसी समुदाय की ओर से प्रार्थना करने के खिलाफ नहीं है लेकिन हम अपने इलाके में एक नई चीज की शुरुआत नहीं होने देंगे।’ बीजेपी के एक अन्य नेता कमल दत्त शर्मा ने कहा कि अगर सैकड़ों की संख्या में हिंदू मुस्लिम बहुल इलाके में जाकर पूजा करेंगे तो क्या होगा? वहीं युवा सेवा समिति के प्रमुख बदर अली ने बताया कि उनके समुदाय के लोग अक्सर शास्त्री नगर स्थित मकबरे पर नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे हिंदू भाइयों ने तब आपत्ति की जब बड़ी तादाद में लोग नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे। दोनों ही समुदायों के नेताओं ने अधिकारियों को लिखित में दिया है कि हम किसी को भी मेरठ का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने नहीं देंगे।’

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