एनडीए के सीएम और बिशप की गृहमंत्री से गुहार, बीजेपी शासित राज्य में डरकर जी रहा क्रिश्चन समुदाय, करें मदद

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेन्स ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडोर मास्करेहान्स और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर देशभर में खासकर झारखंड में क्रिश्चन समुदाय में व्याप्त भय के माहौल से उन्हें अवगत कराया। एनडीए के घटक दल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) नेता संगमा ने गृह मंत्री से कहा कि देशभर में जहां खासकर क्रिश्चन समुदाय का प्रभाव है, वहां के लोग खौफ में जीने को विवश है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित झारखंड में क्रिश्चन समुदाय और क्रिश्चन एनजीओ को परेशान किया जा रहा है। ‘द टेलीग्राफ’ के मुताबिक संगमा ने गृह मंत्री से इस मामले में दखल देने और मदद करने की गुहार लगाई है।

बता दें कि झारखंड समेत पूर्वोत्तर भारत में क्रिश्चन समुदाय की बड़ी आबादी निवास करती है। बिशप ने गृहमंत्री को बताया कि झारखंड के 88 क्रिश्चन एनजीओ को एंटी टेररिस्ट स्कॉवयड (एटीएस), राज्य की सीआईडी विभाग और आयकर विभाग ने 6 से 12 घंटों के अंदर विदेशी फंडिंग से जुड़े सभी खातों के कागजात दिखाने का आदेश दिया है। संगमा ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि झारखंड के एक शेल्टर होम में बच्चा बेचे जाने के मामले में सरकार ने उसकी जांच एटीएस से कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह आतंकी घटना नहीं है, बावजूद इसके सरकार ने इसे एटीएस के हाथों सुपुर्द कर दिया।

उन्होंने कहा कि एक शेल्टर होम में गड़बड़ी होने से पूरा क्रिश्चन समुदाय गुनहगार नहीं हो सकता है। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया कि इस वक्त केंद्र सरकार द्वारा क्रिश्चन समुदाय पर विशेष ध्यान देने का वक्त है। मुलाकात के बाद बिशप और मेघालय के सीएम ने दावा किया है कि गृह मंत्री ने उन्हें मामले में हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। इस बीच पश्चिमी सिंहभूम की पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है कि झारखंड से तस्करी के जरिए पंजाब भेजे गए 34 आदिवासी बच्चों में से 24 का पता पुलिस ने लगा लिया है और इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बता दें कि पंजाब के एक अवैध शेल्टर होम ले जाए गए झारखंड के 34 आदिवासी बच्चों के मामले में बाल कल्याण समिति ने पुलिस में शिकायत की थी।

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