चारा घोटाला: पहली बार लालू यादव-जगन्नाथ मिश्रा को बराबर जेल, तीन मामलों में आ चुका है फैसला

चारा घोटाले के तीसरे मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पांच साल की सजा सुनाई गई है। रांची स्थित सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव और राज्य के ही एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, जगदीश शर्मा, आर के राणा और विद्या सागर निषाद समेत 50 आरोपियों को बुधवार (24 जनवरी) चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये का गबन करने के एक अन्य मामले में दोषी करार दिया । अदालत ने लालू यादव पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई है। चारा घोटाले का यह तीसरा मामला है जिसमे लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा को 5-5 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गयी थी। इस ताजा फैसले के बाद चारा घोटाले से ही जुड़े देवघर कोषागार मामले में जेल में बंद लालू प्रसाद यादव के रिहा होने की संभावना बहुत धूमिल हो गयी है।

तीसरा मामला: चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने से संबद्ध आरसी 68/96 मामले में कुल 56 आरोपियों में से लालू एवं जगन्नाथ मिश्र समेत 50 को दोषी करार दिया जबकि अदालत ने छह लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र समेत सभी राजनीतिज्ञों एवं प्राशासनिक अधिकारियों को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत भी दोषी ठहराया है जो आधिकारिक पद पर रहते हुए उसका दुरुपयोग कर अपराध करने पर आरोपी पर लगायी जाती है। चारा घोटाले से जुड़ा यह तीसरा मामला है जिसमें लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। इसके अलावा चारा घोटाले से ही जुड़े एक अन्य मामले में भी फरवरी माह में फैसला आने की संभावना है।

दूसरा मामला: इसी साल छह जनवरी को रांची में ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने लालू यादव को देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये के अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के एक मामले में साढ़े तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी। इस मामले में अब तक जमानत न मिल पाने से लालू यादव यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। अदालत ने इस मामले में जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया था।

पहला मामला: चाईबासा कोषागार से ही 37 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में अदालत ने लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर 2013 को दोषी करार दिया था। इन्हें 3 अक्टूबर को सजा सुनाई गई थी। अदालत ने लालू यादव को पांच साल की कैद और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी, जबकि जगन्नाथ मिश्रा को 4 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल गई थी। जगन्नाथ मिश्रा को भी इस मामले में बेल मिल गई थी।

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