चीन में और कड़े हुए मुसलमानों पर प्रतिबंध, स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्शा
चीन में धार्मिक कट्टरता पर अंकुश लगाने की नीति के तहत मुसलमानों पर प्रतिबंध लगातार सख्त किए जा रहे हैं। इस बार चीनी सरकार ने स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्शा है। पश्चिम चीन में स्कूली बच्चों के किसी भी तरह के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी नोटिस में सर्दियों की छुट्टी के दौरान बच्चों के धार्मिक स्थलों में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह रोक गंसू प्रांत के लिंक्सिया काउंटी में लगाई गई है। यह काउंटी अल्पसंख्यक हुई मुस्लिम समुदाय बहुल है। जिला शिक्षा विभाग ने इस बाबत ऑनलाइन नोटिस जारी किया है। धार्मिक शिक्षा पर अंकुश लगाने की कोशिशों के तहत यह कदम उठाया गया है।
शिक्षा विभाग के नोटिस में क्लास या धर्मस्थलों में छात्रों द्वारा धार्मिक किताबों के पढ़ने पर रोक लगाने का भी उल्लेख है। अधिकारियों ने शिक्षकों और छात्रों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए आदेश का कड़ाई से पालन करने को कहा है। साथ ही इसमें चीन की राजनीतिक विचारधारा को मजबूत करने की बात भी कही गई है। लिंक्सिया काउंटी के शिक्षा अधिकारियों ने इस नोटिस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, शिक्षा विभाग की एक महिला अधिकारी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर काउंटी में शिक्षा और धर्म को अलग रखने की बात कही है। मालूम हो कि चीन ने धार्मिक नीतियों को लेकर नए नियम-कायदे जारी किए हैं। ये प्रावधान फरवरी से अमल में आ जाएंगे। इसके साथ ही धार्मिक मामलों में सरकार का हस्तक्षेप और बढ़ जाएगा। पिछली गर्मियों के मौसम में दक्षिण-पूर्व चीनी शहर वेनझाउ में संडे स्कूल पर रोक लगा दी गई थी। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। इसे ‘चीन का यरुशलम’ के नाम से भी जाना जाता है। मालूम हो कि उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में गोल्डन लैम्पस्टैंड चर्च को गुरुवार (11 जनवरी) को डायनामाइट से गिरा दिया गया था। सरकार का कहना है कि यह चर्च अवैध निर्माण के तहत आता था। कुछ धार्मिक समूहों ने सरकार के इस कदम को ‘तालिबान-स्टाइल उत्पीड़न’ करार दिया था।
चीन का पश्चिमी प्रांत शिनजियांग उइगुर मुस्लिम बहुल है। इस क्षेत्र से कई लोगों के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने की खबरें आ चुकी हैं। चीन सरकार ने प्रांत में इस्लामी कट्टरपंथ पर लगाम लगाने के अभियान के तहत वीगर मुस्लिमों को ‘असामान्य’ रूप से लंबी दाढ़ी रखने और सार्वजनिक स्थानों पर नकाब लगाने से रोक दिया था। वीगर समुदाय के मुसलमान चीन सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते रहते हैं। मालूम हो कि शिनजियांग प्रांत में पिछले कुछ महीनों में हिंसक संघर्ष की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सरकार इसके लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों और अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराती है।