जयपुर: हाईकोर्ट की सुरक्षा को दी चुनौती, दो महिलाओं ने मनु की मूर्ति पर लगाई कालिख

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट में करीब तीन दशक पहले लगी मनु की मूर्ति पर औरंगाबाद से आई दो महिलाओं ने कालिख पोत दी. हालांकि, इसके बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने दोनों महिलाओं को तत्काल हिरासत में ले लिया. जहां से अशोकनगर थाना पुलिस दोनों महिलाओं को अपने साथ ले गई. मामले में हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के लिए मामले को थाने में भेजा गया है. वहीं हाईकोर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरों से प्रकरण में एक अन्य युवक की मिलीभगत भी सामने आई है.

हाईकोर्ट में करीब तीस साल पहले लगी यह मूर्ति हमेशा से ही विवादों में रही है. हाईकोर्ट प्रशासन की सहमति के बाद मूर्ति लगी थी लेकिन बाद में हाईकोर्ट की फुल बैंच ने इसे हटाने के आदेश दिए थे. इस आदेश को आचार्य धमेन्द्र और धर्मपाल आर्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 1989 को मामले के निस्तारण तक मूर्ति यथावत रखने के आदेश देते हुए प्रकरण को वृहदपीठ में भेज दिया था. जिसके बाद वृहदपीठ ने मूर्ति की सुरक्षा के आदेश भी जारी किए थे. वहीं प्रकरण में अंतिम सुनवाई 13 अगस्त 2015 को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की थी. इसके बाद मामला कभी सूचीबद्ध नहीं हुआ.

वकीलों का कहना है कि भारतीय दंड विधान मनु स्मृति पर ही बना हुआ है. मनु स्मृति को ही पहला संहिताबद्ध कानून भी माना जाता रहा है. जबकि समाज का एक वर्ग इसे दलित विरोधी और महिला विरोधी मानता है. इन महिलाओं ने सैकडों किलोमीटर की दूरी तय कर घटना को किसके कहने पर अंजाम दिया, यह तो पुलिस जांच का विषय है, लेकिन घटना के बाद वकीलों का एक समुह जहां दोषियों पर ठोस कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं पुलिस ने भी मूर्ति की सुरक्षा बढ़ा दी है.

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