दिल्ली: बच्चियों की मौत के बाद उठ रहे कई सवाल, नहीं पहुंच रहा खाद्य सुरक्षा का लाभ
गरीबों को भरपेट भोजन मिले इसके लिए केंद्र सरकार ‘खाद्य सुरक्षा कानून’ साल 2013 में लेकर आई थी। इसके साथ ही देश की गरीब जनता को भूखे पेट नहीं सोना पड़े। इसके लिए राज्य और केंद सरकार कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन देश की राजधानी में यदि तीन बच्चियों की मौत भूख से हो जाए तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि योजनाओं का लाभ उन जरुरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा है, जो इसके वाकई हकदार हैं। मंडावली में रहने वाले जिन तीन बच्चियों की भूख से मौत हुई है। उनके पड़ोसियों और जानकार का कहना है कि ना तो उनको सरकारी राशन मिलता था और ना ही किसी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का लाभ इस परिवार को मिल रहा था। पिता रिक्शा चलाकर बेटियों का पेट पाल रहा था लेकिन कुछ दिनों पहले उसका रिक्शा किसी ने चुरा लिया था। इस कारण बच्चियों के पिता मंगल की आमदनी कुछ भी नहीं थी। मंगल के साथ रिक्शा चलाने वाले विजय ने बताया कि जब रिक्शा चोरी हो गया तो वह अपने जानकार नारायण दास के पास रहने के लिए चले गए। उनकी तीनों बेटियां मानसी, शिखा और पारुल की मौत नारायण के किराए के कमरे में हुई थी।
मंडावली में रह रहे हैं 15 साल से
पड़ोसियों ने बताया कि मंगल मंडावली के साकेत ब्लॉक में 15 सालों से रह रहा है। शादी के बाद वह पत्नी वीणा को लेकर आ गया था। तीनों बेटियां उसकी दिल्ली में ही पैदा हुई थीं। पड़ोसी मिथिलेश ने बताया कि वह पहले रेहड़ी पर पराठा लगाता था, लेकिन अधिक शराब पीने की वजह से उसे काफी नुकसान हो गया। उसके बाद वह रिक्शा चलाने लगा। वह जिस कमरे में रह रहा था। उसमें करीब तीन महीने पहले आया था लेकिन समय पर किराए नहीं देने की वजह से वह अपने दोस्त के कहने पर उसके कमरे में पिछले शनिवार को चला गया। उसे कहां पता था कि जान से प्यारी तीनों बच्चियों की मौत उस कमरे में हो जाएगी। वहीं, मकान मालिक का दावा है कि उसने मंगल को जाने के लिए नहीं कहा था।
नहीं था अन्न का एक भी दाना
पड़ोसियों ने बताया कि जब कमरे में रहने के लिए आए थे तो उनके पास थोड़ा बहुत सामान था लेकिन राशन था कि नहीं इस बारे में कह पाना मुश्किल है। कमरे की हालत को देखने से ऐसा लग रहा था कि घर में अन्न का एक दाना नहीं था। यदि होता तो वीणा जरूर खाना बना कर अपने बेटियों को देती। साथ ही पड़ोसियों को इस बारे में बताया भी नहीं। पड़ोस में रहने वाले माया ने कहा कि यदि उन्हें पता होता तो वह जरुर बच्चियों को खाने को देतीं।
एक महीने से बड़ी बेटी बीमार थी
मानसी के साथ स्कूल में पढ़ने वाली हिना (10) ने बताया कि दोनों घर से कुछ दूरी पर स्थित पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूल में पढ़ती है। मानसी तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। उस के सिर पर घाव हो जाने की वजह से करीब एक महीने से वह स्कूल नहीं जा रही थी। हिना के घर वह उस दिन भी खेल रही थी, जिस दिन उसके परिवार वाले कमरा खाली कर जा रहे थे। हिना ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे मानसी परिवार के साथ कमरा खाली कर चली गई थी। यदि मानसी स्कूल जा रही होती तो शायद मध्याह्न भोजन की वजह से उसकी जान बच जाती।
बर्खास्त हो केजरीवाल सरकार : तिवारी
मंडावली में भूख से तीन बच्चियों की मौत पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मांग की है कि अरविंद केजरीवाल सरकार को बर्खास्त किया जाए। वहीं विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने घटनास्थल पर मुख्यमंत्री के न जाने पर सवाल उठाए हैं। उधर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर राशन पहुंचाने की योजना से ऐसे मामलों में लाभ पहुंचता लेकिन विपक्ष और उपराज्यपाल सभी ने इसका विरोध किया।भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और भाजपा सांसद महेश गिरी ने मंडावली में घटनास्थल का दौरा किया। मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में विकास और लोक कल्याण के काम तो पहले ही ठप थे और बच्चों की मौत की इस दुखद घटना के बाद तो अरविंद केजरीवाल सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए। वहीं महेश गिरी ने मांग की कि मंडावली मोहल्ला क्लीनिक में बच्चों को क्या दवाएं दी गर्इं और वहां स्वास्थ्यकर्मी ने यह ध्यान क्यों नहीं दिया कि बच्चों ने कुछ खाया है या नहीं, इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। दिल्ली सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सांसद महेश गिरी ने राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है।
मनोज तिवारी ने कहा कि देश में भोजन का अधिकार है, जिसके तहत केंद्र सरकार ने हर गरीब व्यक्ति को अन्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है जिसका वितरण राज्य सरकारों को करना होता है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड और सस्ते राशन के नाम पर राजनीति करने वाली केजरीवाल सरकार के उपमुखिया के चुनाव क्षेत्र में तीन बच्चों की भूख से मृत्यु हुई है पर उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेकर अफसोस जाहिर करने की जगह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि यह परिवार तो मात्र दो दिन पहले किसी के घर मेहमान के रूप में आया था जबकि स्थानीय जानकारी मिली है कि यह परिवार कई साल से मंडावली रह रहा है। विजेंद्र गुप्ता ने घटनास्थल का दौरा कर ट्वीट कर कहा कि आप सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल के वहां नहीं जाने से लोगों में रोष है।