दिवाली 2017: लक्ष्मी पूजा में अवश्य रखें ये चीज, धन की कभी नहीं होगी कमी

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए हमें चरणामृत बनाना नहीं भूलना चाहिए। इसका लक्ष्मी पूजा में बहुत महत्व होता है। चरणामृत का अर्थ ‘भगवान के चरणों में अमृत’ होता है। इसे पंचामृत भी कहा जाता है। चरणामृत दूध,घी,शहद,तुलसी और चीनी से मिलाकर बनाया जाता है। दिवाली की पूजा में चरणामृत का मां लक्ष्मी को भोग लगना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि चरणामृत को पीने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक भाव पैदा होते हैं। वहीं सेहत भी ठीक रहती है। शास्त्रों में बताया गया है कि चरणामृत विष्णु-लक्ष्मी जी का प्रिय होता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

कैसे बनाएं चरणामृत
100 ग्राम दूध, 500 ग्राम दही, 50 ग्राम चीनी, 1 चम्मच शहद और 8 से 10 तुलसी के पत्ते। इन सब को अनुपात में मिलाएं। चरणामृत तैयार हो जाएगा।

धार्मिक महत्व
दूध पंचामृत का पहला भाग होता है। यह काफी शुभ माना जाता है। इससे हमारा जीवन दूध की तरह सफेद छवि जैसा हो जाएगा। इसके बाद दही होता है जो कि दूसरों को अपने जैसा बनाता है। दही से अर्थ है कि पहले हम निष्कंलक होकर सद्गुण अपनाएं उसके बाद दूसरों को भी अपना जैसा बनाएं। घी प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इससे संबंधों में मधुरता आती है और चीनी मिठास का प्रतीक मानी जाती है। इससे हमारे रिश्तों में मिठास आती है। इन सभी गुणों से हमारा जीवन सफल हो जाता है।

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