परमाणु हमला हुआ तो डोनाल्‍ड ट्रंप को बचाने की अमेरिका ने कर रखी है यह तैयारी

आज के समय में दुनिया के ज्यादातर देश परमाणु शक्ति संपन्न हो चुके हैं। सभी के पास अब परमाणु हथियार हैं, मिसाइलें हैं, जिनके माध्यम से वे एक-दूसरे को कुछ ही पलों में मिटा सकते हैं, लेकिन यहां सोचने वाली बात यह है कि इन हमलों से बचने के लिए सभी देशों ने कितनी तैयारी की है।हमला करने के लिए हथियार तो सबके पास मौजूद हैं, लेकिन हमलों से बचने के लिए कितने देशों ने व्यवस्था की है, यह बड़ा सवाल है। हम आपको बता दें कि अमेरिका ने परमाणु हमलों से बचने की बेहद ही खास तैयारी करके रखी है। अगर अमेरिका में कभी परमाणु हमला होता है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आसानी से खुद की रक्षा कर सकते हैं। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे होगा, तो हम आपको बता दें कि बंकर्स (तहखानों) के सहारे अमेरिका के राष्ट्रपति को परमाणु हमले से बचाया जाएगा।

अमेरिका के 33वें राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन के समय में ही व्हाइट हाउस में एक ऐसे तहखाने का निर्माण किया गया था, जहां मुश्किल के दिनों में या फिर हमले की स्थिति में प्रेसिडेंट की रहने की व्यवस्था होगी। इसलिए अगर अमेरिका में कोई देश परमाणु हमला करता है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तुरंत ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। व्हाइट हाउस के अलावा डोनाल्ड ट्रंप के पास एक अन्य बंकर उनके फ्लोरिडा एस्टेट मार-ए-लागो में भी है। ट्रंप के मार-ए-लागो में स्थित बंकर इस बात का सबूत है कि अमेरिका में परमाणु हमले से बचने के लिए किस हद तक तैयारी करके रखी गई है।

कुछ लोगों के लिए परमाणु युद्ध के बारे में सोचना भी असंभव है तो वहीं कुछ लोगों ने इससे बचने के लिए प्लानिंग करके रखी है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि भले ही हमले से बचने के लिए सारी तैयारियां की जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी बंकर डायरेक्ट हिट से नहीं बचा पाएगी। ‘वन नेशन अंडरग्राउंड’ के लेखक केनेथ रॉस का कहना है, ‘जबरदस्त विस्फोट के खिलाफ कोई बचाव नहीं है।’ बीबीसी न्यूज के मुताबिक अगर राष्ट्रपति शुरुआती हमलों से बच जाते हैं, तभी तो बंकर काम आ सकेगा। उन्हें कोई ऐसे स्थान पर पहुंचना होगा, जहां से वह देश को संचालित कर सकें। नौसैनिक रॉबर्ट डार्लिंग ने बताया कि इन हमलों के वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ-साथ कुछ चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को बंकर में जाने की इजाजत दी गई है। डार्लिंग ने बताया कि कुछ चुनिंदा लोगों को ही प्रेसिडेंशियल बंकर में जाने की इजाजत है। वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है कि किसी भी देश के लिए बंकर का निर्माण करना बेहद जरूरी होता है।

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