फतेहपुर बेरी मुठभेड़: राजेश भारती को थी आशंका, एसटीएफ कर सकती है मुठभेड़
निर्भय कुमार पांडेय
फतेहपुर बेरी में बीते शनिवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए क्रांति गिरोह के सरगना राजेश भारती के कई दोस्त सोमवार को एम्स के शवगृह पहुंचे थे। पिछले तीन दिनों से कोई भी उसका रिश्तेदार शव की पहचान करने नहीं आया था। पहली बार उसके दोस्त एम्स पहुंचे थे। हालांकि, उनके साथ पुलिस की टीम नहीं थी। इस कारण किसी को मोर्चरी में अंदर जाने नहीं दिया गया। इस दौरान उसके दोस्तों ने कई अहम खुलासे किए।
राजेश के दोस्त गुरुग्राम निवासी जसवंत सिंह ने कहा कि मार्च में वह आखिरी बार उससे मिला था। उस समय राजेश भारती ने जसवंत को बताया था कि हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उसे मुठभेड़ में मार सकती है इसलिए एसटीएफ उसके पीछे पड़ी है। इसलिए वह लगातार ठिकाने बदल रहा था। भारती के दोस्त ने बताया कि वह दिल्ली में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा था। उसने जसवंत को यह साफ तौर पर बताया था आत्मसमर्पण करना चाहता है लेकिन यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस से उसका सामना हुआ तो वह आत्मसमर्पण कर देता। जसवंत ने कहा कि उसे दुख है कि ऐसा नहीं हो सका और उसका दोस्त अपने गुर्गों के साथ मारा गया।
इसके साथ ही जसवंत ने बताया कि राजेश तभी कहीं आता-जाता था जब कार उमेश डॉन चलाता था और वह उसके बगल वाली अगली सीट पर बैठता था। उसके पीछे संजीव विद्रोही और अन्य लोग बैठते थे। वह बिना संजीव और उमेश के कहीं नहीं जाता था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने जब मुठभेड़ की तो वह अगली सीट पर नहीं था। जसवंत ने मांग की है कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो, ताकि पता चले कि असल में हुआ क्या था। उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि यह साजिश के तहत अंजाम दिया गया मुठभेड़ हो।
वहीं, स्पेशल सेल के उपायुक्त पीएस कुशवाहा ने बताया कि मेडिकल बोर्ड का गठन कर लिया गया है। बोर्ड में कई चिकित्सकों को शामिल किया गया है। मंगलवार को उनके शव का पोस्टमार्टम हो सकता है, जिसके बाद परिजनों को शव सौंप दिए जाएंगे। चारों के शव को एम्स ट्रामा सेंटर से लाकर एम्स में रखवा दिया गया है।