बरसात में मलेरिया से बचाएंगी ये घरेलू औषधियां, जानें कैसे करें इस्तेमाल
बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसे में मच्छरजनित रोग होने की संभावना प्रबल होती जाती है। मलेरिया ऐसा ही एक रोग है। प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलने वाला यह रोग सबसे कुख्यात संक्रामक रोगों में से एक है। समुचित इलाज न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है। मलेरिया होने पर रोगी को तेज ठंड लगती है और शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक बना रहता है। मलेरिया के रोगी का लीवर भी बढ़ जाता है। ऐसे में बरसात के मौसम में मलेरिया के प्रकोप से बचने के लिए तमाम सावधानियों के साथ आपको उसके घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी जरूर होनी चाहिए। आज हम आपको मलेरिया रोकने तथा उससे राहत पाने के कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताने वाले हैं।
मौसमी – मौसमी में क्विनिन नाम का पदार्थ पाया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत तो बनाता ही है, साथ ही मलेरिया फैलाने वाले पैरासाइट्स का खात्मा करने में भी मददगार होता है। मलेरिया हो जाने के बाद रोगी को पर्याप्त मात्रा में मौसमी के जूस का सेवन करना चाहिए।
दालचीनी – दालचीनी एंटीपैरासिटिक गुणों से भरपूर होता है जो मलेरिया के प्रमुख कारक परजीवियों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। मलेरिया में शरीर को होने वाले दर्द से राहत दिलाने में भी दालचीनी काफी मददगार है। इसके लिए दालचीनी को पानी के साथ उबालकर गाढ़ा मिश्रण तैयार कर लें। इसे शहद के साथ पिएं।
तुलसी – मलेरिया के तमाम लक्षणों का इलाज करने में तुलसी बेहद फायदेमंद है। मलेरिया में जोड़ों और शरीर के दर्द की समस्या से निपटने के लिए तुलसी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी की चाय बनाई जा सकती है। या फिर इसे पानी के साथ उबालकर पिया जा सकता है। तुलसी और काली मिर्च का पेस्ट बनाकर सेवन करने से मलेरिया के बुखार से राहत मिलती है।
अदरक – मलेरिया के दौरान बुखार, मिचली, शरीर में दर्द और भूख न लगने जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में अदरक बेहद फायदेमंद है। पानी के साथ उबालकर अदरक का सेवन करने से मलेरिया से जल्दी उबरने में सहायता मिलती है।