बिगड़े मौसम से चारधाम यात्रा में खलल, हरीश रावत केदारनाथ में फंसे

उत्तराखंड के मैदानी तथा पर्वतीय क्षेत्र बीते एक हफ्ते से आंधी-तूफान से बेहाल हैं। इससे चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। बीते डेढ़ हफ्ते में गमिर्यों के मौसम में बादल फटने की दो घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि ऐसी घटनाएं आम तौर पर मानसून के दिनों में होती हैं। अब तक आंधी-तूफान की चपेट में आने से सूबे में दो लोगों की मौत हो चुकी है और एक दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। गर्मिर्यों में इस बार पहला बड़ा तूफान 4 मई को तकरीबन सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आया था। वहीं दूसरा तूफान 7 मई की देर रात आया। इससे उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों से लेकर मैदानी जिलों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। गेहूं की फसल चौपट हो गई। लीची और आम को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र ने तूफान का अलर्ट जारी किया था। सूबे के सभी तेरह जिलों उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में तूफान की आशंका को देखते हुए स्कूल-कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज आंधी चलने या तूफान आने की आशंका जाहिर की है और प्रदेश के सभी पर्वर्तीय क्षेत्रों में बारिश, ओलावृष्टि की भी चेतावनी जारी की है। सूबे के आपदा परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन केंद्रों में संभावित आपदा से निपटने के कड़े निर्देश दे दिए हैं।

4 और 7 मई को आए आंधी-तूफान के वक्त तो सूबे का आपदा प्रबंधन विभाग बुरी तरह नाकाम रहा। आंधी-तूफान के कारण चारधाम यात्रा में घंटों तक अवरोध रहा और मैदानी क्षेत्रों तक में आपदा प्रबंधन की टीमें नदारद रहीं। जहां बद्रीनाथ धाम में बीते दो दिन से भारी बारिश के कारण तीर्थयात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं, केदारनाथ में सोमवार की देर शाम तक बारिश और बर्फबारी हुई जिससे केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। गुप्तकाशी, शेरसी तथा फाटा से सात हेलीकॉप्टर कंपनियां केदारनाथ के लिए अपनी सेवाएं दे रही थीं। इनकी सेवाएं बिगड़े मौसम के कारण लगातार बाधित हो रही है। देहरादून में स्थित राज्य मौसम केंद्र के प्रभारी विक्रम सिंह के मुताबिक अभी आने वाले 48 घंटों तक मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा। आंधी-तूफान, ओलावृष्टि व बारिश आने की पूरी संभावना बनी हुई है। राज्य सरकार को पूरी जानकारी दे दी गई है।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी और बारिश के कारण केदारनाथ में फंस गए। हरीश रावत 4 मई को हल्द्वानी से सड़क मार्ग से कारों के काफिले के साथ केदारनाथ रवाना हुए थे। पांच मई को वे रूद्रप्रयाग पहुंचे थे। सोमवार की सुबह वे गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए पैदल मार्ग से रवाना हुए थे और उसी दिन दोपहर दो बजे वे केदारनाथ पहुंचे। जहां उन्होंने भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना की और वे रात्रि को वहीं रुके। मंगलवार सुबह हरीश रावत को केदारनाथ से पैदल मार्ग से गौरीकुंड के लिए रवाना होना था। परंतु केदारनाथ में भारी बारिश ओर बर्फबारी के कारण वे केदारनाथ धाम में ही फंसे रह गए। मौसम खराब होने से हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद होने से वे वहां से नहीं निकल सके। उनके साथ कांगे्रस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा और केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनोज रावत भी हैं। उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि रावत सकुशल हैं। बद्रीनाथ धाम में आज भारी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। हनुमान चट्टी तक सडकों और पहाड़ियों में बर्फ गिरने की वजह से वाहनों को रास्ते में रोक दिया गया है। करीबन सौ से ज्यादा वाहन रास्ते में फंसे हुए हैं। वहीं औली रुद्रनाथ, नीति घाटी बर्फ से ढकी हुई है।

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