बिहार: एनडीए पार्टनर ने कहा- हमें चाहिए जदयू से ज्यादा सीटें, नीतीश की जगह कुशवाहा नेता

बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। कुछ दिनों पहले तक जदयू और भाजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच मुलाकात के बाद तल्खी थोड़ी कम हुई। नीतीश कुमार ने भी कहा कि एक महीने के भीतर शीट शेयरिंग को लेकर भाजपा की तरफ से प्रस्ताव आ जाएगा। इस बीच एनडीए के एक और घटक दल रालोसपा ने मंगलवार को कहा कि उसे जदयू की तुलना में अधिक सीटें चाहिए क्योंकि पिछले चार वर्षों में उसका जनाधार मजबूत हुआ है। साथ ही यह भी कहा कि रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार की जगह एनडीए नेता के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहिए। रालोसपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में सभी तीन की तीनों सीटें जीती थी।

आरएलएसपी के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता जितेंद्र नाथ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जदयू और भाजपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर काफी बातें हुई है। लेकिन रालोसपा और लोजपा को लेकर थोड़ी बहुत बातें हुई। हम जदयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं क्योंकि पिछले चार वर्षों में हमारा जनाधार काफी बढ़ गया है। हमारे नेता उपेंद्र कुशवाहा बिहार की राजनीति के भविष्य हैं। अभी वक्त है कि उन्हें बिहार में एनडीए का चेहरा बनाया जाना चाहिए। नाथ ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी भले ही तीन सीटों पर चुनाव लड़ी और हमारे एक सांसद अरूण कुमार साथ छोड़ दिए, इसके बावजूद वह जदयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने लायक है। जदयू ने लोकसभा चुनाव में मात्र दो ही सीटें जीती थी।

रालोसपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह सच है कि पिछले 12 सालों में नीतीश कुमार सबसे बड़े गैर यादव ओबीसी नेता रहे हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाह एक बड़े सामाजिक समूह से आते हैं जिसमें ओबीसी कोईरी-कुर्मी और ईबीसी धनुक लगभग 20 प्रतिशत वोट शेयर हैं। एनडीए नेतृत्व में अभी बदलाव का समय है। आेबीसी में शामिल यादव जिसका बिहार में 14 प्रतिशत वोट है, के बाद ओबीसी बनिया के पास 11 प्रतिशत वोट है। कुशवाहा और ईबीसी धानुक का एक बड़ा समाजिक समूह है। इन दाेनों के पास बिहार का करीब 8 प्रतिशत वोट है। कोईरी के पास तीन प्रतिशत वोट है। कोईरी, कुशवाहा और धानुक नीतीश कुमार और कुशवाहा के आधार वोट बैंक हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या आरएलएसपी बीजेपी से ज्यादा सीट पाने के लिए दबाव की रणनीति कर रही है, नाथ ने कहा कि पार्टी दबाव लागू करने से ज्यादा अपनी स्थिति मजबूत करने पर जोर दे रही है। उन्होंने रालोसपा के राजद से संपर्क की बात पर सवाल उठाए। वहीं, राजद सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी “शीर्ष आरजेडी नेताओं के साथ लगातार संपर्क” में रही है।” आरएलएसपी और आरजेडी नेतृत्व के बीच दो बैठकें हुई हैं। राजद के एक सूत्र ने कहा कि रालोसपा ने छह से सात सीटों की मांग की थी। राजद निश्चित रूप से भाजपा की तुलना में रालोसपा को ज्यादा सीटों की पेशकश करेगी। बता दें कि राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने खुले तौर पर कई बार कहा है कि कुशवाह एनडीए के साथ साथ छोड़ महागठबंधन में शामिल होंगे।

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