बैंक ग्राहकों को राहत, अब चेकबुक और एटीएम से पैसे निकालने पर नहीं लगेगा टैक्स

बैंक ग्राहकों को राहत देते हुए सरकार ने मुफ्त सेवाओं जैसे चेक बुक जारी करने और एटीएम से पैसे निकालने जैसी बैंक सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगाने का ऐलान किया है। हालांकि क्रेडिट कार्ड बिल के लेट पेमेंट चार्ज पर जीएसटी देना होगा। बैंकों का सिक्योरिटाइजेशन और डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट भी जीएसटी के दायरे से बाहर है। राजस्व विभाग द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद बैंकों की मुफ्त सेवाओं पर लगने वाले टैक्स का विवाद सुलझ गया है। बीते माह वित्त सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से संपर्क कर बैंकों की फ्री सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर करने की मांग की थी।

हालांकि एनआरआई (अनिवासी भारतीयों) लोगों द्वारा इंश्योरेंट पॉलिसी खरीदे जाने पर सरकार ने जीएसटी लगाने का फैसला किया है। बता दें कि पिछले महीने ही सरकार ने बैंकों से निशुल्क सेवाओं पर सर्विस टैक्स चुकाने का नोटिस जारी किया था। पीडब्लूसी के पार्टनर और लीडर प्रतीक जैन का कहना है कि वैश्विक स्तर पर वित्त सेवाएं जीएसटी के नजरिए से बेहद कठिन मानी जाती हैं। ऐसे में सरकार का नया स्पष्टीकरण बेहद खास है। हालांकि विशेषज्ञ भारतीय और विदेशी बैंकों के बीच होने वाली ट्रांजैक्शन पर अभी और स्पष्टीकरण करने की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि हाल ही में सरकार ने लंगर और धार्मिक आयोजनों को कच्चे माल पर भी जीएसटी नहीं लगाने का फैसला किया था। साथ ही सरकार ने लंगर और धार्मिक आयोजनों पर जीएसटी से मिले पैसों को लौटाने का भी फैसला किया है। लंबे समय से लंगरों पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग की जा रही थी, क्योंकि इससे लंगरों पर होने वाले खर्च में काफी इजाफा हो गया था। पंजाब में खासकर लंगरों पर लगने वाले जीएसटी पर खासा विरोध हो रहा था,जिसके बाद पंजाब सरकार ने लंगरों पर लगने वाले जीएसटी से अपना हिस्सा माफ कर दिया था।

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