भगवा झंडा थाम विहिप ने निकाली तिरंगा यात्रा, चंदन को शहीद का दर्जा देने और 50 लाख मुआवजा मांगा
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन उत्तर प्रदेश के कासगंज में फैली साम्प्रदायिक हिंसा पर राजनीति तेज है। इसके साथ ही विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला भी जारी है। कासगंज हिंसा के विरोध में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने बुधवार (31 जनवरी) को ताजनगरी आगरा और फिरोजाबाद में तिरंगा यात्रा निकाली। इस दौरान कुछ लोगों के हाथों में तिरंगा था जबकि कुछ लोगों के हाथों में भगवा झंडा था। भीड़ में कुछ लोग अपने कंधों पर भगवा गमछा लिए हुए थे। इस तिरंगा यात्रा में वीएचपी के अलावा बजरंग दल और अन्य हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी शामिल थे। वीएचपी नेताओं का कहना है कि ब्रज क्षेत्र के सभी 20 जिलों में तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। वीएचपी से जुड़े लोगों ने इस दौराम मांग की कि चंदन गुप्ता को शहीद का दर्जा दिया जाए और उसके परिजनों को पचास लाख रुपये का मुआवजा दिया जाय।
इस बीच यूपी पुलिस ने कासगंज हिंसा के मुख्य आरोपी सलीम को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा निकालने और उसे रास्ता देने के विवाद पर कासगंज में दो समुदायों के बीच साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। आरोप है कि सलीम ने ही घर की छत पर से गोली चलाई थी जो चंदन गुप्ता के सिर में जा लगी। इससे चंदन की मौत हो गई।
इस घटना के बाद दोनों समुदायों के लोग सड़कों पर उतर आए और जगह-जगह आगजनी तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसी दौरान अकरम हबीब नाम के एक शख्स को उपद्रवियों ने निशाना बनाया जिसमें उसकी एक आंख में गंभीर चोट आई। यूपी पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। घटना को दर्दनाक और दुखद करार देते हुए राज्य के राज्यपाल राम नाईक ने इसे यूपी का कलंक बताया था।
इधर, कासगंज जा रही कांग्रेस की टीम को प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के नेतृत्व में कांग्रेस का एक दल कासगंज जाकर हालात का जायजा लेना चाहता था लेकिन प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर इन नेताओं को बीच रास्ते में ही रोक दिया है। इससे नाराज कांग्रेसियों ने अलीगढ़ में विरोध-प्रदर्शन किया है।
इधर, उत्तर प्रदेश पुलिस कासगंज हिंसा के एक और वीडियो की जांच कर रही है। यह वीडियो पिछले दो दिन में सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर हिंदू लड़के कासगंज के मुस्लिम-बहुल इलाके में जाते दिख रहे हैं। दावा है कि यह वीडियो 26 जनवरी की सुबह का है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वीडियो को स्थानीय तहसील कार्यालय की छत से शूट किया गया है। वीडियो में लड़कों के हाथ में तिरंगे के अलावा लाठी-डंडे दिख रहे हैं। वीडियो के कुछ हिस्से में गोली चलने की आवाजें सुनाई दे रही हैं।