भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव को बताया उल्लू और डरपोक

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद साक्षी महाराज ने फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने इस बार समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोला है। कहा है कि वह डरपोक हैं। उनमें नोएडा जाने की हिम्मत नहीं है। भाजपा सांसद ने सपा नेता को इसके अलावा उल्लू भी बताया है और कहा है कि उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। बता दें कि साक्षी महाराज ने सूबे में हुए विकास को लेकर अखिलेश को घेरा है। साथ ही नोएडा शहर न जाने को लेकर सपा नेता को उन्होंने खोटी सुनाई। 29 सालों से नोएडा को लेकर एक अंधविश्वास बना है कि जो भी सीएम यहां आता है, वह अपनी कुर्सी से हाथ धो बैठता है। भाजपा सांसद मंगलवार को सूबे के बिशुनगढ़ में थे। वह यहां के कुछ निजी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने इस दौरान हाल में महाराष्ट्र में हुई जातीय हिंसा के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार बताया। उनका कहना था कि विपक्षियों की तरफ से योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही हैं, मगर जनता सब जानती है। साक्षी महाराज ने आगे अखिलेश पर निशाना साधा। कहा, “अखिलेश ने मां का इतना दूध नहीं पिया कि वह नोएडा जाने की हिम्मत दिखाएं।” साक्षी महाराज के मुताबिक, “अखिलेश उल्लू हैं। उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी है। प्रधानी का बस्ता चला जाता है तो लोग चिल्लाने लगते हैं। यहां तो सीएम की कुर्सी चली गई। अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे।”

यही नहीं, भाजपा सांसद ने आगे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती की तारीफ की। उन्होंने कहा, “नोएडा में मायावती सरकार ने जो काम किया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। सूबे में अखिलेश ने ही अधूरा काम किया है। आगरा एक्सप्रेस वे पूरा नहीं हो पा रहा है। अधूरे काम के बीच में ही उन्होंने मेट्रो के काम को हरी झंडी दे दी थी।” आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली से सटा नोएडा शहर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को डराता रहा है। 29 सालों से सूबे के ज्यादातर सीएम इस औद्योगिक शहर में कदम रखने से बचते रहे हैं। अंधविश्वास है कि यहां जो सीएम आता है, वह अपनी कुर्सी से हाथ धो बैठता है।

सबसे पहले कांग्रेस सरकार में सीएम रहे वीर बहादुर सिंह यहां आए थे। 23 जून 1998 को नोएडा आए, लेकिन अगले दिन उन्होंने किन्हीं कारणों से इस्तीफा सौंप दिया था। तब से लेकर आज तक यह अंधविश्वास बन गया कि जो यहां आएगा, वह अपनी कुर्सी खो बैठेगा। वीर बहादुर की कुर्सी जाने के किस्से के बाद एनडी तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और अखिलेश यादव सूबे के सीएम बने। मगर कुर्सी खोने के खौफ के कारण उन्होंने इस शहर से दूरी बना कर रखी।

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