मानसरोवर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए तिब्बत के एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने की योजना: चीन

नई दिल्ली: चीन कैलाश मानसरोवर के तीर्थयात्रियों समेत विदेशी पर्यटकों की यात्रा सुगम बनाने के लिए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के अली इलाके में घरेलू हवाई अड्डे का इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में उन्नत करने की योजना बना रहा है. एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही.

चीन के टीएआर अली इलाके के उपायुक्त जी किंगमिन ने कहा,‘हम इलाके में एक हवाई अड्डे का उन्नयन करने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन यह अभी बिल्कुल प्रारंभिक चरण में है.’

उन्होंने एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में यह बात कही. इस कार्यक्रम में कैलाश मानसरोवर यात्रा कर चुके लोगों ने अपने अनुभव साझा किए और सुझाव दिए.

जी ने कहा,‘पवित्र कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील कुंशा हवाई अड्डे से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है. इससे (हवाई अड्डा उन्नयन से) विदेशी यात्रियों को दुनिया के इस हिस्से में यात्रा करने में सहूलियत होगी.’

इससे पहले चीन के टीएआर के विदेश मामलों की महानिदेशक बैमानयांगजोंग ने चीन सरकार द्वारा कैलाश मानसरोवर के यात्रियों की सहूलियत के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया. यह यात्रा जुलाई से सितंबर के बीच दो मार्गों –लिपुलेख दर्रे और नाथुला दर्रे से होती है.

पूर्व सांसद तरूण विजय और अन्य लोगों ने तीर्थयात्रियों के समक्ष मुद्दे सामने रखे और पवित्र स्थान के पास सुविधाओं में सुधार का सुझाव दिया. विजय और अन्य ने यह भी सुझाव दिया कि तीर्थयात्रियों को मानसरोवर में डुबकी लगाने की अनुमति दी जाए क्योंकि यह पावन स्थल है.

इस पर चीनी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी ली बिजियान ने कहा कि पर्यावरण की स्थित को ध्यान में रखकर डुबकी लगाने की इजाजत नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और चीन के लोगों के बीच संपर्क और संवाद बढ़ाने वाला क्षेत्र है.

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