मुंबई में पेट्रोल के दाम हुए 88.18 रुपये/लीटर, दिल्ली में 82.72 रुपये/लीटर
नई दिल्ली: दिल्ली और मुंबई समेत देश के अलग-अलग शहरों में रविवार को फिर पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा दर्ज किया गया है. दिल्ली और मुंबई में रविवार को 6 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई. इससे दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 82.72 रुपये प्रति लीटर हो गईं. साथ ही डीजल की कीमतें 19 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद 75.38 रुपये प्रति लीटर हो गईं.
रविवार को मुंबई में भी पेट्रोल के दामों में 6 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई. इसके बाद यहां पेट्रोल के दाम 88.18 रुपये प्रति लीटर हो गए. वहीं डीजल के दामों में 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इससे यहां डीजल की कीमतें बढ़कर 79.20 रुपये प्रति लीटर हो गईं.
शनिवार को भी दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमतों में 18 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ था. इससे राजधानी में पेट्रोल की कीमत 82.66 रुपये प्रति लीटर हो गया था. डीजल के दामों में 29 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. इससे दिल्ली में डीजल की कीमतें 75.19 रुपये प्रति लीटर हो गईं थी. शनिवार को मुंबई में भी पेट्रोल की कीमतों में 18 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ था. इसके बाद यहां पेट्रोल के दाम 88.12 रुपये प्रति लीटर हो गए थे. साथ ही डीजल की कीमतों में शनिवार को 31 पैसे प्रति लीटर का इजाफा दर्ज किया गया था. इससे यहां डीजल की कीमतें 78.82 रुपये प्रति लीटर हो गईं थीं.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी और रुपये के मूल्य में गिरावट से जेट ईंधन के दाम इस महीने जनवरी 2014 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गए. दिल्ली में फिलहाल विमान ईंधन की लागत 74,567 रुपये प्रति किलोलीटर (74.56 रुपये लीटर) और मुंबई में 74,177 रुपये प्रति किलोलीटर है. एटीएफ की कीमत जुलाई से अब तक 9.5 प्रतिशत बढ़ी है. इसमें पिछले साल जुलाई से वृद्धि हो रही है. जुलाई 2018 को छोड़कर इसमें हर महीने बढ़ोतरी हुई. पिछले साल जुलाई में विमान ईंधन 47,013 रुपये प्रति किलोलीटर था. उसके बाद इसमें 58.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
सरकार ने इस आशंका से इनकार किया है कि पेट्रोलियम ईंधन के दाम करने का बोझ पड़ने से सरकारी तेल विपणन कंपनियां लाभांश वितरण कम करेंगी. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट कर के कहा कि पेट्रोल-डीजल पर उपभोक्ताओं को दी गई छूट में कटौती की कोई योजना नहीं है. वह ऐसी रपटों पर टिप्पणी कर रहे थे कि वर्तमान परिस्थितियों में तेल विपणन कंपनियां लाभांश कम कर सकती हैं, सरकार को सब्सिडी घटानी पड़ सकती है और विनिवेश से प्राप्ति बजट के लक्ष्य से कम हो सकती है.
अंतरराष्टीय बाजार में कच्चे तेल के ऊंचे दाम और पेट्रोल, डीजल के चढ़ते दाम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) की तेल एवं गैस उत्पादन स्थिति की शुक्रवार को समीक्षा की. समीक्षा का मकसद इस बात का आकलन करना था कि देश के कच्चे तेल आयात में 10 प्रतिशत कमी लाने के लक्ष्य को किस प्रकार हासिल किया जाएगा. बैठक में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और पेट्रोलियम सचिव एम एम कुट्टी भी मौजूद थे.
PM मोदी ने मार्च 2015 में देश की तेल एवं गैस आयात पर निर्भरता को कम कर 2022 तक कुल जरूरत के 67 प्रतिशत पर लाने का आह्वान किया था. उन्होंने इसके लिये वित्त वर्ष 2013-14 में तेल आयात पर 77 प्रतिशत निर्भरता को आधार बनाया था. सूत्रों ने कहा कि कच्चे तेल के उत्पादन में हल्की वृद्धि का अनुमान है, वहीं प्राकृतिक गैस उत्पादन 24 अरब घन मीटर प्रतिदिन से बढ़कर 42 अरब घन मीटर प्रतिदिन पहुंच जाने का अनुमान है. इसका मुख्य कारण ओएनजीसी के केजी बेसिन गैस फील्ड से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है.