यौन उत्पीड़न पर चुप्पी अब बर्दाश्त नहीं: पोप फ्रांसिस, वेटिकन सिटी

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने शनिवार को कहा कि यौन उत्पीड़न पर चुप्पी ‘‘अब बर्दाश्त नहीं की जा सकती.’’ उन्होंने जुलाई में इस्तीफा दे चुके वॉशिंगटन के पूर्व आर्चबिशप थियोडोर मैक-कैरिक से जुड़े वेटिकन अभिलेखागार के दस्तावेजों की जांच के भी आदेश दिए. फ्रांसिस ने वेटिकन की ओर से जारी एक बयान में कहा, ‘‘दुष्कर्म और ऐसे मामलों को दबाए जाने को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. ’’ उन्होंने घोषणा की कि चर्च को संस्था के भीतर और बाहर दुष्कर्म के गंभीर मामलों से निपटना होगा. मैक-कैरिक के मामले ने अगस्त में बड़ा विवाद पैदा कर दिया था.

वॉशिंगटन में वेटिकन की पूर्व दूत आर्चबिशप कार्लो मारिया विगानो ने एक पत्र लिखकर पोप पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अमेरिकी पादरी के खिलाफ लगाए गए इल्जाम की अनदेखी की. कार्डिनल मैक-कारिक दुष्कर्म के आरोपों का सामना करने वाले सबसे वरिष्ठ कैथलिक नेताओं में शामिल हैं.

विगानो के पत्र के बाद कैथलिक पादरियों के यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगों की नुमाइंदगी कर रहे अमेरिकी समूहों ने वेटिकन से अपील की थी कि वह यौन हमले के आरोपी पादरियों की सूची प्रकाशित करे. शनिवार को वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दुष्कर्म और ऐसे मामलों को दबाए जाने को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकना चर्च का कर्तव्य है जिनसे समाज के सबसे मासूम और सबसे कमजोर तबके को नुकसान पहुंचाया जाता है. मैक-कैरिक मामले पर वेटिकन ने फ्रांसिस के हवाले से कहा कि उन्होंने ‘‘फैसला किया है कि शुरुआती जांच के दौरान इकट्ठा की गई सूचना को आर्काइव्स ऑफ दि डायकास्टरीज और ऑफिसेज ऑफ दि होली सी में मौजूद समूचे दस्तावेज के विस्तृत अध्ययन के साथ मिलाया जाए ताकि पूरे प्रासंगिक तथ्य का पता लगाया जा सके, उन्हें ऐतिहासिक संदर्भ में रखा जा सके और निष्पक्ष तरीके से उनका मूल्यांकन किया जा सके. ’’

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