राजस्थान में 14 हजार सरकारी कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से माफ करवाया ऋण

जयपुर: किसान कर्जमाफी योजना के जरिए 14 हजार सरकारी कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से योजना का फायदा उठाना महंगा पड़ गया है. अब फर्जीवाड़ा करने वाले सरकारी कर्मचारी कभी भी फसली ऋण नहीं ले सकेंगे. ऐसे किसानों को सहकारिता विभाग ब्लैकलिस्टेड करने की तैयारी में है.

सूत्रों के अनुसार, कोऑपरेटिव बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों में करीब 75 हजार सरकारी कर्मचारी थे, जिसमें से 14 हजार सरकारी कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से अपना ऋण माफ करवाया, लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों की ये बदमाशी उन पर ही भारी पड गई है. अब कभी भी ये सरकारी कर्मचारी कॉआपरेटिव बैंक से कर्ज नहीं ले पाएंगे.

प्रदेश में डूंगरपुर,भरतपुर, चूरू,बांसवाडा में करोडों का फर्जीवाडा हुआ. जिसके बाद से लगातार सहकारिता विभाग रिकवरी की तैयारी में जुटा हुआ है. हालांकि दो महीने बाद भी विभाग ने किसी भी तरह की ब्लैकलिस्ट तैयार नहीं की है और अब तक किसी भी तरह की रिकवरी भी नहीं हो पाई है. लेकिन विभाग ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हुए है कि जल्द से जल्द अपात्र किसानों लिस्ट विभाग को सौपे, ताकि फर्जीवाडा करने वाले किसानों पर कार्रवाई हो सके. इसके अलावा फर्जीवाडा करने वाले अपात्र किसानों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के पवन का कहना है कि बॉयोमैट्रिक सिस्टम के जरिए अब किसी भी तरह की गडबडी को रोकने का प्रयास विभाग ने किया है और काफी हद तक यह प्रयास सफल भी रहा है. बॉयोमैट्रिक सिस्टम के जरिए ऋण लेने वाले किसान की मौजूदगी जरूरी होती है और उसके आधार से बॉयोमैट्रिक को मैच किया जाता है.इसके बाद ही किसानों का ऋण माफ किया गया. सभी जिलों में फर्जीवाडे पर लगाम लगाने के लिए आदेश दिए हुए है.

वैसे, एपैक्स बैंक के एमडी इंद्र सिंह ने दावा किया है अब तक की रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि फर्जी तरीके से किसी भी किसान के खाते में पैसा नहीं पहुंचा है. हालांकि फर्जीवाड़े का प्रयास जरूर किसानों की ओर से किया गया था,लेकिन उसमें वे सफल नहीं हुए.

ऐसे मे अब सवाल ये उठ रहे है कि सरकारी खजाने से 14 हजार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी और कब पात्र किसानों को उनका हक मिल सकेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *